नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कैट ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पत्र लिखकर मांग की है कि करेंसी नोटों से सेहत पर हो रहे तथाकथित नकारात्मक प्रभावों की जांच की जाए.
कैट ने नोटों से सेहत पर खतरे की आशंका को लेकर आगाह करते इसकी जांच की मांग की. संगठन ने रविवार को भेजे अपने पत्र में वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि इसके रोकथाम के लिए जरूरी उपाए किए जाने चाहिए, ताकि लोगों को इसके संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन को भी चिट्ठी लिखी है. में कैट ने कई खोज और मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उनसे इस मामले को जल्द से जल्द संज्ञान में लेने का आग्रह किया.
व्यापारी संगठन ने अलग-अलग अध्ययनों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए दावा किया है कि रोगाणु से दूषित नोटों से कई बीमारियों की आशंका है.
इस बीमारियों में मूत्र और सांस की नली के संक्रमण, सेप्टिसीमिया, त्वचा रोग, दिमागी बुखार, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और कई तरीकों के गैस्ट्रो-इंटेस्टिनल शामिल हैं.
कैट के सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि साइंस जर्नल इन चौंकाने वाली सच्चाइयों को लगभग हर साल छापते आ रहे हैं, लेकिन दुख की बात ये है कि इस पर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया.
उन्होंने का कि करेंसी नोट का सबसे अधिक इस्तेमाल व्यापारियों द्वारा किया जाता है और इन नोटों से होने वाली गंभीर बीमारियों का सबसे अधिक भी उन पर ही होगा. उन्होंने कहा कि ये खतरा सिर्फ व्यापारियों के लिए नहीं, बल्कि ग्राहकों के लिए भी है. इसलिए सरकार को इस बारे में जल्द कदम उठाना चाहिए.
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