त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शून्य से शिखर तक का सफर तय करते हुए 25 साल से सत्ता में काबिज वाम मोर्चा सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
शनिवार को आए चुनाव नतीजों में त्रिपुरा के अलावा नगालैंड में भी भाजपा अपने सहयोगी दल के साथ सरकार बनाने जा रही है, जबकि मेघालय में उसके सत्ता में सहयोगी बनने की संभावना नजर आ रही है।
इसके साथ ही उत्तर पूर्व के सात राज्यों में मिजोरम को छोड़कर सभी जगह या तो भाजपा की सरकार है या फिर वह सत्ता में साझीदार है।
भाजपा का त्रिपुरा में चलो पाल्टाई (चलो बदलें) का नारा कामयाब रहा और उसने अपनी सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ मिलकर सीटें जीत लीं।
माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को 16 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया।
त्रिपुरा में 18 फरवरी और जबकि नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान हुआ था। त्रिपुरा में एक उम्मीदवार की मृत्यु और मेघालय में एक उम्मीदवार की हत्या के कारण दोनों राज्यों में 59-59 सीटों के लिए मतदान हुआ था।
असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के बाद उत्तर पूर्व के त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में भी भाजपा सरकार बनने से कांग्रेस मुक्त उत्तर पूर्व का भाजपा का उद्देश्य पूरा हुआ। उत्तर पूर्व के राज्यों में लोकसभा की 25 और राज्यसभा की 14 सीटें हैं।
इनमें से लोकसभा की आठ सीटें भाजपा के पास हैं जबकि सात पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि राज्यसभा की एक सीट भाजपा की झोली में है जबकि नौ कांग्रेस के पास हैं।
शनिवार को आए चुनाव नतीजों में त्रिपुरा के अलावा नगालैंड में भी भाजपा अपने सहयोगी दल के साथ सरकार बनाने जा रही है, जबकि मेघालय में उसके सत्ता में सहयोगी बनने की संभावना नजर आ रही है।
इसके साथ ही उत्तर पूर्व के सात राज्यों में मिजोरम को छोड़कर सभी जगह या तो भाजपा की सरकार है या फिर वह सत्ता में साझीदार है।
माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को 16 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया।
त्रिपुरा में 18 फरवरी और जबकि नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान हुआ था। त्रिपुरा में एक उम्मीदवार की मृत्यु और मेघालय में एक उम्मीदवार की हत्या के कारण दोनों राज्यों में 59-59 सीटों के लिए मतदान हुआ था।
असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के बाद उत्तर पूर्व के त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में भी भाजपा सरकार बनने से कांग्रेस मुक्त उत्तर पूर्व का भाजपा का उद्देश्य पूरा हुआ। उत्तर पूर्व के राज्यों में लोकसभा की 25 और राज्यसभा की 14 सीटें हैं।
इनमें से लोकसभा की आठ सीटें भाजपा के पास हैं जबकि सात पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि राज्यसभा की एक सीट भाजपा की झोली में है जबकि नौ कांग्रेस के पास हैं।
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