नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) की जांच समिति की बैठक के बाद पद्मावति को यूए सर्टिफिकेट के साथ हरी झंडी देने का फैसला किया है.
सीबीएफसी ने फिल्म में कुछ परिवर्तन का भी फैसला किया है और इसी कड़ी में फिल्म का नाम पद्मावत किया जा सकता है.
कमिटी की बैठक 28 दिसंबर को हुई थी. एक बार जरूरी और सहमति वाले सुधार हो जाने के बाद फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
इतना ही नहीं, फिल्म में जिस घूमर गाने को लेकर विवाद था, उसके पहले भी एक नोटिस चलाया जाएगा. इस नोटिस में घूमर का अर्थ समझाया जाएगा.
सीबीएफसी ने कहा कि एक बैलेंस सोच को दिमाग में रखते हुए ये फैसला लिया गया है जिससे फिल्मेकर्स का भी नुकसान न हो और समाज की आस्था को भी ठेस न पहुंचे.
इससे पहले सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावती’ देखने के लिए जयपुर के दो अनुभवी इतिहासकारों और उदयपुर राजघराने को आमंत्रित किया था. इन्हीं से फिल्म पर राय भी मांगी गई थी.
इन इतिहासकारों में प्रोफेसर बी.एल. गुप्ता और प्रोफेसर आर.एस. खांगरोट शामिल हैं. संजय लीला भंसाली की ये फिल्म विरोध के चलते लटकी हुई है, पहले ये फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी थी.
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