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MP : नर्मदा नदी से रेत खनन पर सरकार ने लगाई रोक, 200 खदानें होंगी बंद

भोपाल : नर्मदा नदी से रेत खनन पर सरकार ने सोमवार को पूरी तरह से रोक लगा दी। नदी से अब न तो वैध खनन होगा न अवैध। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में इस फैसले का ऐलान किया। अन्य नदियों की रेत निकालने पर कोई रोक नहीं रहेगी। 
प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस लंबे समय से नर्मदा में हो रहे अवैध खनन पर सरकार को घेर रहा था। नर्मदा यात्रा के दौरान भी संतों ने खनन को बंद किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की थी। इस निर्णय से करीब 200 वैध खदानें बंद हो जाएंगी।
खनन पर पाबंदी के साथ ही खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की कमेटी बनाने की घोषणा की गई है, जिसकी रिपोर्ट पर आगे का फैसला होगा। 
जैव विविधता को नुकसान पहुंचाए बिना रेत खनन की नीति तैयार की जाएगी। कमेटी में आईआईटी खड़गपुर सहित अन्य जगहों के विशेषज्ञों होंगे, जो वैज्ञानिक तरीके से खनन को लेकर सिफारिश करेंगे। इसके आधार पर तय होगा कि नदी में कहां खनन की अनुमति दी जाएगी। 
वहीं, विकल्प के तौर पर पत्थर से रेत बनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रयोग को अपनाने वालों को तीन साल तक रॉयल्टी नहीं लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कलेक्टरों को खनन में लगे वाहन, उपकरण और मशीनें राजसात करने के अधिकार दिए जा चुके हैं। खनन बंद होने से श्रमिकों के रोजगार का जो संकट पैदा होगा, उसे दूर करने के लिए मनरेगा, स्व-रोजगार, मुद्रा बैंक से मदद दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास व निर्माण के लिए रेत सहित अन्य खनिज चाहिए। इसकी मांग भी बढ़ी है, लेकिन पर्यावरण और नदियों को संभालना भी जरूरी है।
 नदियों से निश्चित मात्रा में रेत व गाद का निकलना प्रवाह के लिए आवश्यक होता है। कितनी मात्रा में खनन हो, इस बारे में बेहतर फैसला विशेषज्ञ ही कर सकते हैं।

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