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आतंकवाद का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं : ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सऊदी अरब पहुंचते ही सुर बदल गए हैं। ट्रंप ने रविवार को मुस्लिम नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद का धर्म से कोई संबंध नहीं है, यह अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई है। 
ट्रंप इससे पहले कट्टर इस्लामिक आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल करते रहे हैं। चुनाव के दौरान और राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने ऐसा किया था।
 ट्रंप ने कहा कि यह बर्बर अपराधियों के खिलाफ जंग है, जो इंसानियत को खत्म करने पर तुले हुए हैं। सभी धर्मों के अच्छे लोग उनसे रक्षा करने में लगे हुए हैं। 
ट्रंप ने धार्मिक नेताओं को सलाह दी कि वे स्पष्ट संदेश दें कि आतंकवाद का सहारा लेने से कोई सम्मान नहीं मिलेगा, यह आपको बर्बाद कर देगा। 
उन्होंने मुस्लिम देशों को सलाह दी कि वे कट्टरता के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें, अमेरिका उनका साथ देने को तैयार है। 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि वह यहां कोई भाषण देने नहीं आए हैं। मध्यपूर्व के देशों को यह खुद तय करना होगा कि वे अपने देशों और बच्चों के लिए कैसा भविष्य चाहते हैं। ट्रंप सऊदी अरब के बाद इजरायल, वेटिकन सिटी, बेल्जियम और इटली का दौरा भी करेंगे। 
ट्रंप ने रविवार को सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज के हाथों देश का सर्वोच्च सम्मान अब्दुलअजीज पुरस्कार स्वीकार किया। लेकिन गोल्ड मेडल पहनने के लिए सऊदी किंग के आगे झुकने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। 
ट्रंप के प्रचार सलाहकार रहे रोजर स्टोन ने इसको लेकर राष्ट्रपति पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस्लामिक कट्टरता को सबसे ज्यादा बढ़ावा देने वाले सऊदी के सामने राष्ट्रपति का झुकना शर्मनाक है।

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