जम्मू कश्मीर में श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट के लिए रविवार को हो रहे उपचुनाव के दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में पांच प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
इसके अलावा इसमें कुछ निर्वाचन अधिकारियों सहित 36 लोग घायल भी हुए हैं. दरअसल बडगाम जिले के एक पोलिंग बूथ और वहां के कर्मचारियों पर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद सुरक्षा बलों को गोलियां चलानी पड़ीं.
पुलिस ने बताया कि दो प्रदर्शनकारियों की मौत चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र के दलवान गांव में हुई, जबकि तीन अन्य की मौत बीरवाह में और एक की वाथुरा इलाके में हुई.
श्रीनगर से मिल रही खबरों के मुताबिक, चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र के दलवान गांव में हिंसक भीड़ ने एक मतदान केंद्र पर हमला कर दिया और वोटिंग में रुकावट डालने के लिए ईवीएम मशीनों से तोड़फोड़ की.
इसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं. इस गोलीबारी में 36 लोग घायल हो गए, जिनमें से पांच की बाद में मौत हो गई. इस घटना के बाद से इलाके में तनाव व्याप्त और सुरक्षा बलों हालात को सामान्य बनाने में जुटे हैं.
कश्मीर की विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने आज भड़की इस हिंसा को केंद्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग की नाकामी करार दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार शांतिपूर्ण माहौल देने में असफल रही है, नहीं तो शांति से चुनाव हो जाते. वहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'राजनीति के अपने 20 वर्षों में मैंने चुनाव और प्रचार के लिए इतनी खराब स्थिति कभी नहीं देखी. यह राज्य सरकार, केंद्र और चुनाव आयोग की असफलता है.'
इस बीच, घाटी के तीन चुनावी जिलों में अलगाववादी समूहों की बुलाई हड़ताल की वजह से आम जनजीवन ठप्प पड़ा है. अलगाववादी समूहों ने लोगों से चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने को कहा है.
अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल जिलों में ज्यादातर दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं. सड़कों से सार्वजनिक वाहन भी नदारद हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ निजी वाहन सड़कों पर नजर आए. सरकार ने इन जिलों में आज के लिए छुट्टी की घोषणा की है.
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