योजना में ऐसे प्रशिक्षण दिये जायेंगे, जिनकी पूर्ति परम्परागत आईटीआई पाठ्यक्रमों से संभव नहीं है।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दीपक जोशी ने बताया कि योजना में औपचारिक शिक्षा प्रणाली को छोड़ चुके युवा कामगार, जो अपने अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण करवाना चाहते हैं और ऐसे व्यक्ति जो अपने कौशल को बढ़ाकर स्व-रोजगार करना चाहते हैं, को प्राथमिकता दी जायेगी।
नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध-घुमक्कड़ वर्ग के युवाओं को भी प्रशिक्षित किया जायेगा।
युवाओं को परिधान एवं गृह सज्जा, आटोमोबाइल्स, केपिटल गुड्स, वुडवर्क, टेक्नीशियन, निर्माण, घरेलू काम-काज, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, कृषि, ग्रीन जॉब, प्लंबर, फूड प्रोसेसिंग, रिटेल, आई.टी. सुरक्षा, टेलीकॉम, टूरिज्म एण्ड हास्पिटेलिटी एवं वित्त सेवा से संबंधित प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा।
नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के आधार पर कौशल दक्षता के स्तर निर्धारित किए गए हैं।
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