नई दिल्ली : भारत के कट्टर विरोधी पाकिस्तान को चीन दुनिया के सबसे ताकतवर संगठन ब्रिक्स में शामिल करवाने की जुगत में है।
इतना ही नहीं, चीन ब्रिक्स प्लस के तहत दुनिया के अन्य विकासशील देशों को भी ब्रिक्स का हिस्सा बनाने की बात कर रहा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को बकायदा प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि चीन ब्रिक्स प्लस की संभावनाओं पर विचार करेगा ताकि अन्य उभरते देशों से भी संवाद स्थापित किया जा सके।
मालूम हो कि ब्रिक्स दुनिया के ताकतवर संगठनों में से एक है। इसमें भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। भारत ब्रिक्स समूह का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस मंच से हम मजबूत साझेदारी स्थापित कर सकेंगे और अपने दायरे को बढ़ा सकेंगे।
बता दें कि ब्रिक्स की अध्यक्षता चीन कर रहा है। आगामी सितंबर माह में होने वाली ब्रिक्स समिट की मेजबानी चीन करने जा रहा है।
अमेरिका के होनोलुलु स्थित एशिया-पैसिफिक सेंटर फॉर सिक्यॉरिटी स्टडीज में प्रफेसर मोहन मलिक का कहना है कि चीन के इस प्लान से ब्रिक्स में शामिल अन्य देशों के मुकाबले भारत की संभावनाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।
इतना ही नहीं, चीन ब्रिक्स प्लस के तहत दुनिया के अन्य विकासशील देशों को भी ब्रिक्स का हिस्सा बनाने की बात कर रहा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को बकायदा प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि चीन ब्रिक्स प्लस की संभावनाओं पर विचार करेगा ताकि अन्य उभरते देशों से भी संवाद स्थापित किया जा सके।
मालूम हो कि ब्रिक्स दुनिया के ताकतवर संगठनों में से एक है। इसमें भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। भारत ब्रिक्स समूह का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस मंच से हम मजबूत साझेदारी स्थापित कर सकेंगे और अपने दायरे को बढ़ा सकेंगे।
बता दें कि ब्रिक्स की अध्यक्षता चीन कर रहा है। आगामी सितंबर माह में होने वाली ब्रिक्स समिट की मेजबानी चीन करने जा रहा है।
अमेरिका के होनोलुलु स्थित एशिया-पैसिफिक सेंटर फॉर सिक्यॉरिटी स्टडीज में प्रफेसर मोहन मलिक का कहना है कि चीन के इस प्लान से ब्रिक्स में शामिल अन्य देशों के मुकाबले भारत की संभावनाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।
मलिक के मुताबिक, ब्रिक्स के विस्तार के बाद संगठन अपना उद्देश्य से भटक सकता है। और विकास जैसे मुद्दों की बजाय यह चीन के राजनीतिक प्लेटफार्म तक ही सीमित रह सकता है।
वहीं उन्होंने कहा कि चीन अपने करीबी देशों पाकिस्तान, श्रीलंका और मेक्सिको को ब्रिक्स के विस्तार के लिए आमंत्रित कर सकता है।
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