इस बार होलिका दहन सर्वार्थसिद्धि योग में होगा और दहन में बाधक भद्रा भी आड़े नहीं आएगी। पर्व पर बन रहे विशेष संयोग से इस बार होली सभी के लिए लाभदायक है।
होलिका दहन 12 मार्च को 6.31 से 7.15 बजे तक प्रदोष युक्त भद्रा रहित सर्वार्थसिद्धि योग में किया जा सकेगा।
भद्रा सुबह 8.21 पर समाप्त होगी। 13 मार्च को धुलेंडी पर रंग-गुलाल लगाया जाएगा। सर्वार्थसिद्धि योग 12 मार्च को शाम 5.42 से 13 को शाम 6.44 बजे तक रहेगा। होली दहन के दिन राजयोग सुबह 6.45 से शाम 5.35 बजे तक रहेगा।
ज्योतिर्विद् के अनुसार शास्त्रों में होली को सिद्धरात्रि माना गया है। इस दिन किए गए अनुष्ठान वर्षभर लाभ देते हैं।
ज्योतिर्विद् के अनुसार 5 मार्च से होलाष्टक लगते ही मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। साथ ही रंगों के त्योहारों का उल्लास छाएगा।
होली के बाद सूर्य के मीन राशि में होने से एक माह तक विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। दोबारा वैवाहिक आयोजन 15 अप्रैल से शुरू होंगे। होलाष्टक के दौरान विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि नहीं होंगे।
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