नई दिल्ली: मुंबई से लंदन जा रही जेट एयरवेज के एक फ्लाइट का जर्मनी के हवाई क्षेत्र में एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया, जिसके बाद सुरक्षा के लिहाज से जर्मनी ने अपने लड़ाकू विमानों को फौरन रवाना कर दिया.
यह घटना गुरुवार की है. विमान में 300 से अधिक लोग सवार थे. गंभीर खतरे की आशंका के मद्देनजर जर्मन वायुसेना ने इस बोइंग-777 विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो लड़ाकू विमानों को रवाना किया.
इस आशय की खबरें आने के बाद जेट एयरवेज ने इस वीडियो की प्रामाणिकता पर कोई टिप्पणी किए बगैर रविवार को एक बयान जारी किया.
बयान में कहा गया कि इस फ्लाइट के क्रू को भारतीय हवाई सुरक्षा नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की जांच पूरी होने तक काम पर जाने से रोक दिया गया है.
जेट एयरवेज ने बयान में कहा कि 16 फरवरी, 2017 को जेट एयरवेज की मुंबई से लंदन हीथ्रो फ्लाइट 9W 118 का जर्मन हवाई क्षेत्र में स्थानीय एटीसी से थोड़ी देर के लिए संपर्क भंग हो गया था.
लेकिन कुछ ही मिनटों के अंदर विमान का संपर्क बहाल हो गया. ऐहतियात के तौर पर जर्मन वायुसेना ने फ्लाइट और इसके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने विमानों को तैनात किया था. 330 यात्रियों और 15 क्रू को ले जा रहा यह विमान बाद में लंदन में सुरक्षित रूप से उतर गया.
जेट एयरवेज ने यह भी कहा कि डीजीसीए समेत अन्य संबंधित विभागों को इस घटना की जानकारी दे दी गई है और एक मानक प्रक्रिया के तहत फ्लाइट के क्रू को जांच पूरी होने तक काम पर जाने से रोक दिया गया है.
एविएशन हेराल्ड के मुताबिक विमान से संपर्क टूटने की यह घटना उस वक्त हुई जब स्लोवाकिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोल प्राग में एटीसी को चार्ज सौंप रहा था.
वेबसाइट ने दावा किया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि जेट एयरवेज के पायलट ने संचार के लिए गलत फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया.
यह घटना गुरुवार की है. विमान में 300 से अधिक लोग सवार थे. गंभीर खतरे की आशंका के मद्देनजर जर्मन वायुसेना ने इस बोइंग-777 विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो लड़ाकू विमानों को रवाना किया.
इस आशय की खबरें आने के बाद जेट एयरवेज ने इस वीडियो की प्रामाणिकता पर कोई टिप्पणी किए बगैर रविवार को एक बयान जारी किया.
बयान में कहा गया कि इस फ्लाइट के क्रू को भारतीय हवाई सुरक्षा नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की जांच पूरी होने तक काम पर जाने से रोक दिया गया है.
जेट एयरवेज ने बयान में कहा कि 16 फरवरी, 2017 को जेट एयरवेज की मुंबई से लंदन हीथ्रो फ्लाइट 9W 118 का जर्मन हवाई क्षेत्र में स्थानीय एटीसी से थोड़ी देर के लिए संपर्क भंग हो गया था.
लेकिन कुछ ही मिनटों के अंदर विमान का संपर्क बहाल हो गया. ऐहतियात के तौर पर जर्मन वायुसेना ने फ्लाइट और इसके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने विमानों को तैनात किया था. 330 यात्रियों और 15 क्रू को ले जा रहा यह विमान बाद में लंदन में सुरक्षित रूप से उतर गया.
जेट एयरवेज ने यह भी कहा कि डीजीसीए समेत अन्य संबंधित विभागों को इस घटना की जानकारी दे दी गई है और एक मानक प्रक्रिया के तहत फ्लाइट के क्रू को जांच पूरी होने तक काम पर जाने से रोक दिया गया है.
एविएशन हेराल्ड के मुताबिक विमान से संपर्क टूटने की यह घटना उस वक्त हुई जब स्लोवाकिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोल प्राग में एटीसी को चार्ज सौंप रहा था.
वेबसाइट ने दावा किया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि जेट एयरवेज के पायलट ने संचार के लिए गलत फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया.
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