भोपाल : नए साल से हर अधिकारी या कर्मचारी सप्ताह में एक दिन खादी के कपड़े पहनेंगे। राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किए हैं।
हालांकि सरकार ने इसे अनिवार्य नहीं किया है। इसे अफसरों और कर्मचारियों की स्वेच्छा पर छोड़ा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से लेकर कलेक्टरों तक यह निर्देश पहुंचा दिए हैं।
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ओर से एक माह पहले यह प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को भेजा गया था। इसमें खादी को बढ़ावा देने की बात कही गई थी।
इसी के मद्देनजर यह आदेश निकाला गया है। जीएडी के प्रमुख सचिव मुक्तेश वार्ष्णेय ने कहा कि हमने इसे अनिवार्य नहीं किया है। अपील की है। लोगों की स्वेच्छा पर छोड़ा है।
तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने जीएडी के इन निर्देशों काे गलत बताया है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों पर खादी थोपी जा रही है।
खादी वस्त्र बहुत महंगे हैं, इन्हें लघुवेतन कर्मचारी वहन नहीं कर सकेंगे। यदि सरकार की मंशा खादी के कपड़े पहनाने की है तो वह सस्ती दर पर उपलब्ध कराए।
मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि जीएडी ने इसे स्वेच्छा पर रखा है, इसलिए पहल अच्छी है। सरकार ऐसी कोई योजना बनाए कि खादी रियायती दरों पर मिल सके।
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