भोपाल : प्रदेश सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था बनाने के लिए पहली बार आयुष के डॉक्टरों को तैनात करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियमों में संशोधन किया है, जिसे शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट और मोटरयान कराधान अधिनियम में संशोधन पर भी मुहर लग गई।
कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि आयुष डॉक्टरों की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी लगाने का प्रयोग महाराष्ट्र और गुजरात में भी हो चुका है।
आयुष के 210 डॉक्टरों को विशेष तौर पर 72 दवाओं की ट्रेनिंग दिलवाई गई है। डॉक्टर मिलने पर इनकी सेवाएं लौटा दी जाएंगी।
बैठक में नौ आईटीआई (सिलवानी, बेगमगंज, मानपुर, पाली, थांदला, घोड़ाडोंगरी, हाट पिपल्या सहित दो अन्य) खोलने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 303 पद और 133 करोड़ रुपए भी मंजूर किए गए।
हाईकोर्ट में पदस्थ गैर न्यायिक अमले को शेट्टी वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जाएगा। इससे पांच हजार अधिकारियों-कर्मचारियों को फायदा होगा।
कैशलेस व्यवस्था को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में पूरा करने वित्त मंत्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसमें विभिन्न् विभागों के अधिकारी रहेंगे।
बैठक में ही मंत्रियों को निर्देश दिए गए कि वे चार दिसंबर को जम्बूरी मैदान पर होने वाले सम्मेलन में अपने विभाग के पंडाल में मौजूद रहें।
कैबिनेट में पांच छावनी परिषद (महू, जबलपुर, सागर, मुरार और पचमढ़ी) को नगरीय निकायों की तरह प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान का निर्णय लिया गया।
इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि छावनी परिषद वाले जब हमारी (निर्वाचित प्रतिनिधियों की) सुनते नहीं हैं, तो उन्हें हम पैसा क्यों दे रहे हैं।
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