चीन को जल्द ही आतकी मसूद और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को बैन करने के मुद्दे पर अपना रुख साफ़ कर देना होगा।
इसके आलावा चीन भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने पर भी कोई फैसला जल्द ही लेना होगा। साल 2017 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध भी चीनी सरकार के इन दोनों फैसलों से तय होने वाले हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर इस बार चीन ने मसूद अजहर को बचाने की कोशिश की तो भारत भी कड़े कदम उठाने के लिए तैयार है।
बता दें कि इसी साल 31 मार्च को भी आतंकी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के रास्ते में चीन ने ही अड़ंगा लगाया था।
इसी के चलते भारत पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड अज़हर और आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर बैन लगाने में नाकामयाब हो गया था।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के 15 देशों के समूह में सिर्फ चीन ही ऐसा देश था जिसने मसूद अजहर को आतंकी घोषित किए जाने के फैसले को 'होल्ड' पर रख दिया था।
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