अहमदाबाद के कारोबारी 13,860 करोड़ रुपये कालेधन का खुलासा करने वाले महेश शाह को शनिवार शाम एक चैनल के स्टूडियो से गिरफ्तार कर लिया गया।
कई दिनों से फरार बताए जा रहे प्रॉपर्टी डीलर शाह ने दावा किया कि यह पैसा उनका नहीं है। वह सभी बातों का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष करेंगे।
महेश शाह ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के अंतिम दिन 30 सितंबर को करीब 13860 करोड़ के कालेधन (सारी नकदी) की घोषणा कर चौंका दिया था।
कई दिनों की गुमशुदगी के बाद 67 साल के शाह शनिवार शाम अचानक ईटीवी गुजराती के स्टूडियो में पहुंचे। इसी दौरान पुलिस और आयकर विभाग ने नाटकीय ढंग से स्टूडियो से साक्षात्कार के बीच ही दबोच लिया।
उन्होंने कहा कि यह पैसा कई लोगों का है। वह इसकी कर की राशि भरने वाले थे। पर जिन लोगों का पैसा था वह अंतिम समय में मुकर गए। ऐसे में डर के मारे आयकर विभाग के पास नहीं जा पाया।
शाह ने कहा कि मुझे किसी से डर नहीं। बहुत जल्द सभी लोगों ने नामों का आयकर विभाग के पास खुलासा करेंगे। हालांकि उन्होंने परिजनों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ पैसा बनाने की लालच में दूसरों के पैसे को अपने नाम से जमा कराने की बात सोची थी।
शाह ने कहा कि जिस राशि का खुलासा किया गया था असल राशि उससे अधिक हो सकती है। पैसे के मालिकों में कई बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि उनसे कुछ गलती हुई है लेकिन अपराधी नहीं हूं। मेरी कुछ मजबूरी थी इसलिए यह काम किया।
शाह ने कहा कि वह रियल स्टेट के करोबार से जुड़े हुए हैं। जबकि मीडिया उनपर और उनके परिवार पर तरह-तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। बिना पड़ताल के मुझे फरार घोषित कर दिया गया।
शाह को उक्त राशि पर लगने वाले 6237 करोड़ रुपये के कर (45 प्रतिशत) की पहली किश्त करीब 1560 करोड़ 30 नवंबर तक देने थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया। वह पिछले करीब एक माह से लापता थे। आयकर विभाग ने उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
शाह के अहमदाबाद और मुंबई में दो सामान्य आवास होने की ही बात सामने आई है। शाह ने कहा मैं फरार नहीं हुआ था। पत्नी के इलाज के सिलसिले में अहमदाबाद से बाहर था।
0 comments:
Post a Comment