रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को हैरानी जताई कि भारत क्यों नहीं कह सकता कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हैं और 'पहले इस्तेमाल नहीं' की नीति को दोहराने की बजाय वह इसका गैर जिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगे.
उनकी यह व्यक्तिगत टिप्पणी है. पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे खुद को क्यों आबद्ध करना चाहिए? मुझे कहना चाहिए कि मैं एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हूं.
मैं इसे गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल नहीं करूंगा. यह मेरी सोच है.' साल 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने पहले इस्तेमाल नहीं की परमाणु नीति घोषित की थी.
उनकी यह व्यक्तिगत टिप्पणी है. पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे खुद को क्यों आबद्ध करना चाहिए? मुझे कहना चाहिए कि मैं एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हूं.
मैं इसे गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल नहीं करूंगा. यह मेरी सोच है.' साल 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने पहले इस्तेमाल नहीं की परमाणु नीति घोषित की थी.
मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग प्रकाशित करेंगे कि परमाणु नीति बदल गई है. उन्होंने कहा, यह सरकार में नहीं बदला है. यह मेरी धारणा है. व्यक्ति के तौर पर भी मैं महसूस करता हूं. मैं नहीं कह रहा कि आप इसे पहले इस्तेमाल करें.
उन्होंने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल की बात कर भारत को धमकी दिया करते थे. उन्होंने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' होने के बाद से कोई धमकी नहीं आई है. उन्होंने महसूस किया कि हम कुछ चीज कर सकते हैं.
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