नई दिल्ली : लद्दाख के बर्फीले इलाके में भारतीय और चीनी सैन्य बलों के बीच गर्मागर्मी का माहौल हो गया है।
चीन की पीपुल्स आर्मी (पीएलए) के अफसर विगत दिवस भारतीय परिक्षेत्र में घुस आए और मनरेगा योजना के तहत चल रहा सिंचाई के लिए नहर खुदवाने का काम रुकवा दिया।
चीन की इस गुस्ताखी के बाद भारतीय फौज भी अपना प्रतिरोध जताते हुए चीनी फौज के आमने-सामने खड़ी हो गई है।
सूत्रों के अनुसार लद्दाख की राजधानी लेह से 250 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित डेमचोक में गत बुधवार की दोपहर को यह घटना हुई।
यहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत एक गांव को गर्म पानी के झरने से जोड़ने के लिए नहर बनाई जा रही थी।
तभी एकाएक 55 चीनी सैनिक आए और बड़े ही आक्रामक अंदाज में नहर बनाने का काम रुकवा दिया।
इससे भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के अधिकारियों ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर चीनी सैन्य बलों को रोका।
तब चीनी सैन्य बलों ने आभासी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी पोजिशन ले ली। उन्होंने भारतीय सेना से काम को रोकने की मांग की। उनका कहना है कि भारत को इस काम को शुरू करने के लिए चीन की अनुमति लेनी चाहिए थी।
चीन के इस दावे पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई, चूंकि दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति है कि सीमा पर रक्षा क्षेत्र से जुड़े किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले दूसरे देश को इसकी पूर्व सूचना देनी होगी।
लिहाजा, भारत का कहना है कि ऐसा सिर्फ रक्षा क्षेत्र के लिए होता है और यह सिविल वर्क चल रहा था।
सूत्रों का कहना है कि दोनों ही पक्षों ने बड़े-बड़े बैनर लहराए। भारतीय और चीनी सैनिक वहां पर तैनात हो गए हैं। पीएलए बार-बार दावा कर रहा था कि वह क्षेत्र चीन का है।
जबकि सेना और आइटीबीपी के जवानों ने उन्हें पीछे खदेड़ा दिया और चीनी फौज की कोशिशों के बावजूद उन्हें भारतीय क्षेत्र में एक इंच भी आगे नहीं बढ़ने दिया।
सूत्रों का कहना है कि इस बार चीनी पीएलए के 55 जवान और आइटीबीपी के 70 अधिकारी तनातनी के माहौल में लद्दाख में आमने-सामने आ गए।
सेना ने क्षेत्र की पूरी घेराबंदी कर ली। साथ ही चीनी सेना को भारतीय परिक्षेत्र में अंदर तक घुसने से रोक दिया।
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