भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल का नया संस्करण बनाने जा रहे हैं, जिसकी मारक क्षमता 600 किमी से अधिक होगी।
वह बेहद ही सटीक निशाना लगाने में सक्षम होगा। इस मिसाइल की जद में पूरा पाकिस्तान आएगा, उसके किसी भी शहर को मिनटों में निशाना बनाया जा सकेगा।
इस साल जून में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का सदस्य बनने से भारत को यह लाभ मिल रहा है।
एमटीसीआर के नियमों के तहत कोई भी सदस्य देश 300 से अधिक रेंज की मिसाइल गैर सदस्य देशों को न बेच सकते हैं, न ही उसका संयुक्त उत्पादन कर सकते हैं और न ही उसकी तकनीक दे सकते हैं।
एमटीसीआर का सदस्य बनने के बाद भारत के लिए अब ऐसा बाध्यता नहीं रही। गोवा समिट में भारत और रूस के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बनी है।
ब्रह्मोस के मौजूदा मिसाइलों की मारक क्षमता 300 किमी तक ही है, और इससे पाकिस्तान के अंदर के ठिकानों को सही से निशाना बनाने में दिक्कत आ सकती है। हालांकि भारत के पास लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं
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