इस बार धनतेरस से पहले आने वाला रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी एवं सूर्य बुध के एक साथ होने से बनेगा। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धन वर्षा कराएगा।
इस बार दीपावली पर गुरु सिंह राशि में रहेगा एवं राहु कन्या में रहेगा। यह योग इससे पहले 1884 में बना था। उस समय भी राहु कन्या राशि व गुरु सिंह राशि में था। इसके बाद यह योग दोबारा 131 साल बाद सन 2145 में बनेगा।
गुरु सिंह राशि में व राहु कन्या राशि में रहने से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए गए उपायों में सफलता मिलेगी। राहु की अच्छी स्थिति के कारण इस दिन किए गए तांत्रिक प्रयोग सिद्ध होंगे।
इस बार दीपावली पर सौभाग्य, बुधादित्य व धाता योग बन रहा है। ये तीनों योग बहुत ही विशेष हैं। इन योगों में की गई लक्ष्मी पूजा से हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति संभव है।
ये योग धन लाभ के लिए भी बहुत शुभ माने गए हैं। अनाज, किराना, धातु व राजनीति से जुड़े लोगों के लिए ये योग बहुत खास रहेंगे।
धनतेरस से पहले आने वाला रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी और सूर्य बुध के एक साथ होने से बनेगा। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धन वर्षा कराएगा।
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