दिवाली दिल्ली और देश के अन्य बड़े शहरों को महीनों के बराबर का प्रदूषण एक ही रात में देकर गई है। इस बार बाकी सालों के मुकाबले दिल्ली NCR में सबसे ज्यादा आतिशबाजी देखी गई और प्रदूषण का स्तर 42 गुना तक बढ़ गया है।
दिल्ली में फिलहाल इतना धुंआ है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इंसानों के रहने के लिए सबसे खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।
दिल्ली के मुकाबले मुंबई और पुणे जैसे शहरों में लोगों ने पटाखें जलाकर दिवाली मानने में सतर्कता बरती है जिसके चलते यहां के मुकाबले वहां प्रदूषण का स्तर काफी कम रहा है। दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर से कई 42 गुना तक बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया।
केंद्र सरकार की प्रदूषण पर नज़र रखने वाली संस्था System of Air Quality and Weather Forecasting And Research यानी SAFAR के मुताबिक दीवाली पर आतिशबाजी के बाद खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 का स्तर 511 तक था।
बता दें कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 400 से ऊपर चला जाता है तो ये इंसानी फेंफडों के लिए बेहद घातक माना जाता है। पीएम के जरिए हवा में मौजूद धूल और धुंए का लेवल मापा जाता है।
दिल्ली में फिलहाल इतना धुंआ है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इंसानों के रहने के लिए सबसे खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।
दिल्ली के मुकाबले मुंबई और पुणे जैसे शहरों में लोगों ने पटाखें जलाकर दिवाली मानने में सतर्कता बरती है जिसके चलते यहां के मुकाबले वहां प्रदूषण का स्तर काफी कम रहा है। दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर से कई 42 गुना तक बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया।
केंद्र सरकार की प्रदूषण पर नज़र रखने वाली संस्था System of Air Quality and Weather Forecasting And Research यानी SAFAR के मुताबिक दीवाली पर आतिशबाजी के बाद खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 का स्तर 511 तक था।
बता दें कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 400 से ऊपर चला जाता है तो ये इंसानी फेंफडों के लिए बेहद घातक माना जाता है। पीएम के जरिए हवा में मौजूद धूल और धुंए का लेवल मापा जाता है।
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