चीनी प्रोडक्ट्स के बायकॉट की अपील का असर सोशल मीडिया पर दिखने लगा है। त्योहारी सीजन के बावजूद बीते 13 दिन में इन प्रोडक्ट्स की मांग 20 फीसदी तक घट गई है।
दावा कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है। भारत-पाकिस्तान के आपसी तनाव के बीच चीन के भारत विरोधी रवैये के बाद सोशल मीडिया पर चाइना मेड सामान नहीं खरीदने की अपील की जा रही है।
कारोबारियों को डर है कि यदि चीन के सामान की खरीद 10- 15% भी घटी, तो उनके लिए लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा। अनुमान है कि चीन से आयात होने वाले सामान में 20 से 30 फीसदी तक कमी आ सकती है।
कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया- दिवाली पर चाइनीज लाइटिंग जैसे सामान देशभर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं। करीब तीन महीने पहले भारतीय बाजार ऐसे सामान से भर जाते हैं।
चीनी प्रोडक्ट्स के बायकॉट के लिए सोशल मीडिया पर एक तरह का कैम्पेन चल रहा है। वॉट्सऐप, फेसबुक आैर ट्विटर पर जमकर विरोध हो रहा है। इसके विरोध में बाकायदा वॉट्सऐप ग्रुप देखे जा रहे हैं।
खंडेलवाल ने बताया- चाइना मेड सामान होलसेल सेलर्स तक पहुंच चुका है। लेकिन रिटेल सेलर्स की ओर से आने वाली मांग में 20 फीसदी की कमी देखी जा रही है।
इन्हें डर है कि लोग वास्तव में यह माल खरीदेंगे या नहीं। उन्होंने कहा चीनी सामान के बायकॉट का असली असर नए साल और क्रिसमस पर दिखाई देगा।
अगर दिवाली पर यह माल नहीं बिकता है, तो रिटेल कारोबारी नए साल और क्रिसमस के लिए चीन को आर्डर देने से बचेंगे।
भारत - चीन के बीच करीब 4.5 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कारोबार होता है। हम चीन से, एक्सपोर्ट के मुकाबले 6.66 गुना ज्यादा इम्पोर्ट करते हैं। 2015-16 में भारत ने चीन को करीब 60,000 करोड़ रुपए के सामान इम्पोर्ट किया है।
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