भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संपूर्ण समाज की सहभागिता से चलने वाला श्नमामि देवी नर्मदे अभियान पूरी दुनिया में नदी को बचाने का उदाहरण बनेगा।
यह अभियान पवित्र जीवनदायिनी नर्मदा नदी के ऋण को उतारने का अभियान है। एक सौ 18 दिन चलने वाले इस अभियान में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर सघन पौधा रोपण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा की वेबसाईट का लोकार्पण करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने नर्मदा गीत नर्मदा स्लोगन तथा अभियान के प्रतीक चिन्ह के लिये हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।
श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवन रेखा है। यह प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न बना रही है। यह पेयजल सिंचाई और बिजली देती है।
वृक्षों के कटने से और प्रदूषण से नर्मदा के जलप्रवाह पर प्रभाव हुआ है। इससे नर्मदा को बचाने के लिये व्यापक अभियान चलाया जायेगा। नर्मदा के तट पर ज्ञानए भक्ति और कर्म तीनों मार्गों का संगम होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर निजी भूमि पर किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने पर राज्य सरकार किसानों को इन वृक्षों पर फल आने तक मुआवजा देगी।
नर्मदा नदी के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जन.जागरण के लिये यात्रा आगामी 11 नवम्बर से निकाली जायेगी।
अमरकंटक से लेकर नर्मदा के किनारे आने वाले सभी शहरों.गाँवों से दूषित जल को मिलने से रोकने के लिये ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे।
नर्मदा किनारे के सभी ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा। नर्मदा किनारे के ग्रामों को नशामुक्त बनाया जायेगा।
विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि श्नमामि देवी नर्मदे अभियान से नर्मदा नदी प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक प्रवाह का माध्यम बनेगी। यह एक जन.जागरण का अभियान है।
वन मंत्री शेजवार ने कहा कि कृतज्ञता भारतीय संस्कृति का अंग है। नर्मदा नदी जीवनदायिनी है। यह ग्रामीण अर्थ.व्यवस्था का आधार भी है। इस पवित्र नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिये जागरूकता आवश्यक है।
यह अभियान पवित्र जीवनदायिनी नर्मदा नदी के ऋण को उतारने का अभियान है। एक सौ 18 दिन चलने वाले इस अभियान में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर सघन पौधा रोपण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा की वेबसाईट का लोकार्पण करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने नर्मदा गीत नर्मदा स्लोगन तथा अभियान के प्रतीक चिन्ह के लिये हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।
श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवन रेखा है। यह प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न बना रही है। यह पेयजल सिंचाई और बिजली देती है।
वृक्षों के कटने से और प्रदूषण से नर्मदा के जलप्रवाह पर प्रभाव हुआ है। इससे नर्मदा को बचाने के लिये व्यापक अभियान चलाया जायेगा। नर्मदा के तट पर ज्ञानए भक्ति और कर्म तीनों मार्गों का संगम होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर निजी भूमि पर किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने पर राज्य सरकार किसानों को इन वृक्षों पर फल आने तक मुआवजा देगी।
नर्मदा नदी के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जन.जागरण के लिये यात्रा आगामी 11 नवम्बर से निकाली जायेगी।
अमरकंटक से लेकर नर्मदा के किनारे आने वाले सभी शहरों.गाँवों से दूषित जल को मिलने से रोकने के लिये ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे।
नर्मदा किनारे के सभी ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा। नर्मदा किनारे के ग्रामों को नशामुक्त बनाया जायेगा।
विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि श्नमामि देवी नर्मदे अभियान से नर्मदा नदी प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक प्रवाह का माध्यम बनेगी। यह एक जन.जागरण का अभियान है।
वन मंत्री शेजवार ने कहा कि कृतज्ञता भारतीय संस्कृति का अंग है। नर्मदा नदी जीवनदायिनी है। यह ग्रामीण अर्थ.व्यवस्था का आधार भी है। इस पवित्र नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिये जागरूकता आवश्यक है।
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