सियोल। अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर सोमवार से वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। क्षेत्र में उत्तर कोरिया की बढ़ रही सैन्य गतिविधियों को देखते हुए दोनों देशों का यह संयुक्त अभ्यास इस बार खासा महत्वपूर्ण हो गया है।
इससे इलाके में तनाव बढ़ना भी तय माना जा रहा है। इस अभ्यास में अमेरिका के 25 हजार जबकि दक्षिण कोरिया के 50 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। पहले के मुकाबले इसका स्वरूप भी व्यापक है।
उत्तर कोरिया इस साल जनवरी में किए अपने चौथे परमाणु परीक्षण के बाद से शेष दुनिया के बहिष्कार का सामना कर रहा है।
फरवरी में जब उसने लंबी दूरी तक बम ले जाने के लिए रॉकेट का परीक्षण किया तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध और कड़े कर दिए। इसके बाद भी उत्तर कोरिया ने कई तरह की मिसाइलों का परीक्षण जारी रखा।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त अभ्यास को "उलची फ्रीडम गार्डियन एक्सरसाइज" नाम दिया गया है। यह दो सितंबर तक चलेगा। इस अभ्यास की सूचना उत्तर कोरिया की सेना को दे दी गई है और बताया गया है कि इसमें किसी तरह के उकसावे वाली कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इसके बावजूद उत्तर कोरिया ने संयुक्त अभ्यास को हमले की तैयारी बताया है। कहा है कि हमला करने की किसी हिमाकत का जवाब वह परमाणु बम के हमले से देगा।
पिछले हफ्ते लंदन में उत्तर कोरिया के उप राजदूत थाए योंग हो ने दक्षिण कोरिया पहुंचकर वहां की शरण ले ली। इसे उत्तर कोरिया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क जीउन ही ने इसे उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के प्रभाव के खात्मे के तौर पर प्रस्तुत किया है। कहा है कि जल्द ही किम वहां की सत्ता से बाहर होंगे।
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