भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के पहले अनुपूरक बजट और सरदार सरोवर बांध के विस्थापन में हुई अनियमितता की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पटल पर रखने की मंजूरी दी गई।
जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के नवाचारों को देशभर में अपनाया जा रहा है। इस कड़ी में अब आनंद विभाग का गठन किया जा रहा है।
इसे ज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही राज्य आनंद संस्थान भी गठित होगा। ये आनंद को परिभाषित करने के साथ उसके पैमाने, विभागों में सामंजस्य स्थापित करने के साथ नीति और कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने का काम करेगी।
साथ ही यह आकलन भी किया जाएगा कि लोगों के लिए आनंद क्या है। कैबिनेट ने विभाग के ढांचे को भी मंजूरी दी।
विभाग में अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी, निदेशक-अनुसंधान, निदेशक-समन्वयन, लेखाधिकारी, चार अनुसंधान सहायक, 6 कनिष्ठ सहायक और 5 भृत्य के पद होंगे। इनके वेतन-भत्ते में 3 करोड़ 60 लाख 80 हजार रुपए खर्च आएगा।
मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि हम विभाग बना रहे हैं और इसके लिए केंद्र सरकार से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। वहीं, वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि आबकारी विभाग को इसमें शामिल न किया जाए। उनकी इस बात पर कैबिनेट में ठहाके लग गए।
सिंहस्थ में सुरक्षा व्यवस्था में लगे लगभग 40 हजार पुलिस कर्मियों को सरकार सिंहस्थ ज्योति के नाम से मेडल (डिस्क) देगी।
सरदार सरोवर बांध के विस्थापन में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए गठित जस्टिस झा आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में टेबल करने को मंजूरी।
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