ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुआ हमला आतंकी संगठन आईएसआईएस की साजिश का नहीं बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भागीदारी का परिणाम है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार हुसैन तौफीक ने रविवार को एक भारतीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ये खुलासा किया है।
इसके साथ ही बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमा खान ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि उनके देश में आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों का कोई वजूद नहीं है।
इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी इसी देश के रहने वाले थे। वे आईएसआईएस या किसी अन्य आतंकवादी संगठन के सदस्य नहीं थे।
हुसैन तौफीक ने कहा कि बंधकों की तेज धारदार चाकुओं से हत्या की गई है ये देखते हुए लगता है कि इसमें स्थानीय प्रतिबंधित जमात उल मुजाहिदीन का हाथ है।
वहीं एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और जमात के बीच का रिश्ता जगजाहिर है। वे हमें अस्थिर करना चाहते हैं।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार सभी हमलावरों की उम्र 20 से 28 साल के बीच थी। सभी पढ़े लिखे और ज्यादातर अमीर परिवारों से ताल्लुक रखने वाले थे। साथ ही सभी बांग्लादेश के ही रहने वाले थे।
पुलिस के अनुसार, हमले के दौरान वे बांग्ला और अंग्रेजी में बात कर रहे थे। पुलिस प्रमुख एकेएम शाहिदुल हक के मुताबिक हमले में मार गिराए गए पांच हमलावर आतंकवादी के रूप में दर्ज हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही थी।
पुलिस ने पांचों की पहचान आकाश, बिकास, डान, बंधोन और रिपोन के रूप में की है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आतंक को उखाड़ फेंकने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि हम पता लगाने की कोशिशों में जुटे हैं कि आतंकवादियों को हथियार किसने उपलब्ध कराए? उन्होंने जापान के विदेश राज्यमंत्री सेइजी किहारा के साथ बैैठक के बाद यह बात कही। किहारा हमले के बाद शेख हसीना से मिलने पहुंचे थे। हमले में जापान के सात नागरिकों की मौत हुर्इ है।
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