....

NSG : भारत को मिल रहे चौतरफा सपोर्ट से PAK बौखलाया

NSG (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) में भारत की दावेदारी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अमेरिका के बाद अब फ्रांस ने भी भारत की सदस्यता की वकालत करते हुए कहा कि इससे परमाणु प्रसार के खिलाफ वैश्विक प्रयास मजबूत होंगे और सदस्य देशों को सोल में होने वाले पूर्ण अधिवेशन में सकारात्मक फैसला लेना चाहिए। 
वहीं, भारत को मिल रहे चौतरफा सपोर्ट से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि एनएसजी में भारत के प्रवेश को लेकर अमेरिका का समर्थन एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है।  

बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवा चुनिइंग ने कहा है कि चीन एनएसजी में भारत की सदस्यता पर 'रचनात्मक' भूमिका निभाएगा। हालांकि, चीन ने फिर से दोहराया कि सियोल में होने वाली एनएसजी की बैठक में भारत की दावेदारी एजेंडे में नहीं है। 

इस बीच विदेश सचिव एस जयशंकर गुरुवार से शुरू हो रही एनएसजी की पूर्ण बैठक से पहले भारत की दावेदारी के प्रयासों को मजबूत करने के लिए सियोल रवाना हो गए है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के प्रभारी अमनदीप सिंह गिल समर्थन जुटाने के लिए पहले से ही सियोल में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह देशों के संगठन शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए गुरुवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद जा रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वहां मौजूद होंगे।

 ऐसी संभावना है कि वहां पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे और एनएसजी के लिए चीन के समर्थन की मांग कर सकते है। वहीं पुतिन भी इस मामले में चीन को मनाने का प्रयास कर सकते हैं। बता दें कि 48 सदस्यों वाले एनएसजी में 29 देशों ने खुलकर भारत का समर्थन किया है। हालांकि पाकिस्तान और चीन समेत कुछ देश भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध कर रहे हैं।  

अमरीका द्वारा भारत को सर्पोट मिलने से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ ने एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान के मामला पर आयोजित एक गोष्ठी में कहा, यह एक बड़ी साजिश (का हिस्सा) है। 
उन्होंने कहा कि 48 राष्ट्रों के विशेष परमाणु क्लब में भारत को शामिल करने की अमेरिका की मौजूदा मुहिम को वैश्विक सत्ता राजनीतिक रूझान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। एनएसजी में भारत को शामिल कराने की अमेरिका की कोशिश चीन पर अंकुश लगाने और रूस के उदय को रोकने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment