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NSG : china ने india विरोधी मुहिम में नाकाम अफसर को हटाया

भारत NSG में भले ही शामिल ना हो सका हो। लेकिन उसे मिलने वाले अन्य देशों के समर्थन से चीन सरकार बेहद नाराज है।

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने एनएसजी में बातचीत में अहम भूमिका निभाने वाले विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के प्रमुख वांग कुन को हटा दिया है। 

उन्हें इसलिए हटाया गया है क्योंकि वांग एनएसजी में भारत के खिलाफ कई देशों का समर्थन जुटाने में नाकाम रहे थे।

चीन सरकार के सूत्रों के मुताबिक, सोल में हुई बैठक के दौरान भारत की एनएसजी सदस्यता के समर्थन में 44 देश थे और खिलाफ में चार देश।

 सूत्रों की मानें तो कुन ने चीन सरकार से दावा किया था कि भारत के खिलाफ 48 में से करीब एक-तिहाई देशों का समर्थन है। लेकिन इसका उल्टा हो गया, जिसके कारण उन्हें अपने पद से हटना पड़ा।

चीन का कहना था कि वह गैर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) सदस्यों को एनएसजी में शामिल करने के खिलाफ है। हालांकि, चीन का असली मकसद पाकिस्तान को एनएसजी में शामिल करने का था।

 चीन ने कहा था कि अगर भारत को एनएसजी सदस्यता मिल सकती है तो पाकिस्तान को क्यों नहीं। इसलिए वह बार-बार भारत के खिलाफ रोड़ा अटका रहा था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब बीजिंग को डर है कि एनएसजी मुद्दे का असर उसे दक्षिण चीन सागर विवाद पर 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र के हेग अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले पर पड़ सकता है।

 दरअसल, दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र को लेकर फिलीपींस ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में शिकायत की थी। चीन को चिंता है कि अगर हेग कोर्ट में फैसला उसके खिलाफ आया तो भारत इस मौके को अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल करेगा। 

भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्री सीमाओं संबंधी नियम का हवाला देकर चीन के विरोध में खड़ा हो सकता है, जिससे चीन को फिलीपींस की हथियाई जमीन लौटानी पड़ेगी।
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