राज्यसभा चुनावों में बड़ा उलटफेर करते हुए भाजपा हरियाणा और झारखंड में अपने उम्मीदवारों के साथ ही समर्थक उम्मीदवारों को भी राज्यसभा पहुंचाने में सफल रही है।
राज्यसभा चुनाव के लिए शनिवार को सात राज्यों की 27 सीटों पर वोटिंग का परिणाम आ गया है. राजस्थान की सभी चार सीटों पर बीजेपी ने बाजी मारी है, वहीं यूपी में 11 में से 7 सीटें सत्तासीन सपा के कब्जे में रहीं.
उत्तराखंड की अकेली सीट पर कांग्रेस का दांव सफल रहा, जबकि मध्य प्रदेश की तीन में से दो पर बीजेपी ने कब्जा जमाया.
हरियाणा में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के हारने के बाद पार्टी में बगावत जैसे हालात बन गए हैं। वहीं भाजपा झारखंड में भाजपा झामुमो और कांग्रेस की साझा रणनीति को धूल चटाने में कामयाब हुई है।
यूपी में हालांकि भाजपा ज्यादा सेंध लगाने में कामयाब नहीं हो पाई। यहां सपा के सात उम्मीदवारों के अलावा, बसपा के दो और कांग्रेस व भाजपा के एक एक उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
कांग्रेस के कपिल सिब्बल चुनाव जीत गए। भाजपा समर्थित प्रीती महापात्रा को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि भाजपा ने कई जगहों पर अतिरिक्त उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस को परेशानी में डालने का प्रयास किया था।
कांग्रेस को कर्नाटक से राहत मिली है। कर्नाटक में कांग्रेस ने जेडीएस के खेमे में सेंध लगाते हुए एक अतिरिक्त सीट हासिल की है। यहां से दो के बजाय तीन उम्मीदवारों को जिताकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत की है।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस का एक खेमा उन्हें हटाने की दलील दे रहा था। इस जीत के बाद मुख्यमंत्री विरोधियों का अभियान कमजोर होगा।
राज्यसभा चुनावों में उम्मीद से ज्यादा जीत ने भाजपा का मनोबल बढ़ाया है। पार्टी को ताजा चुनाव के बाद राज्यसभा में छह सीटों का फायदा हुआ है।
राज्यसभा में भाजपा की कुल सीटें अब 49 से बढ़कर 54 हो जाएंगी। भाजपा को गुजरात में निकट भविष्य में होने वाले उपचुनाव में एक सीट का और फायदा हो सकता है।
जबकि कांग्रेस की ताकत घटेगी। कांग्रेस की सीटें 64 से घटकर 59 हो जाएंगी। भाजपा को मनोनीत सदस्यों का भी लाभ मिलेगा।
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