- SIT की विशेष अदालत ने 2 जून को इस मामले में 24 आरोपियों को दोषी ठहराया था और 36 को बरी कर दिया था। नरसंहार कांड के कुल 66 में से पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी लापता है।
- अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को हत्या के आरोप में दोषी करार दिए गए 11 लोगों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने उनके लिए नरमी बरतने की मांग की।
- इस मामले पर बहस सोमवार को पूरी हो गई थी। दरअसल, 28 फरवरी, 2002 को हज़ारों लोगों की हिंसक भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला किया था, और 69 लोगों को मार डाला था, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री भी थे।
- गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में कोर्ट ने जिन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी किया था, उनमें चार बार भारतीय जनता पार्टी के पार्षद रह चुके बिपिन पटेल भी शामिल हैं।
- कोर्ट ने सभी 66 आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप खारिज करते हुए कहा था कि इसके लिए कोई सबूत नहीं मिल पाया है।
- इसे नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए झटका माना जा रहा है, जिनका कहना है कि सोसायटी पर हमला पूर्व-नियोजित था।
- 36 आरोपियों को बरी किए जाने के बाद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने अफसोस जताते हुए कहा था कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि सिर्फ 11 लोगों को हत्या का दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह आगे भी लड़ाई जारी रखेंगी।
- एहसान जाफरी की बहू दुरैया जाफरी ने कहा कि 36 लोगों को किस आधार पर छोड़ा गया, इस मुद्दे को लेकर वकीलों से बात करके फैसले को चुनौती दी जाएगी।
- मारे गए लोगों में से 39 लोगों के शव बरामद हुए थे और 30 लापता लोगों को सात साल बाद मृत मान लिया गया था।
- Blogger Comment
- Facebook Comment
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
0 comments:
Post a Comment