भोपाल। रिजर्व बैँक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन का बर्थ सर्टिफिकेट शुक्रवार को दिनभर सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा। हालांकि, निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने इस फर्जी सर्टिफिकेट करार दिया है। सर्टिफिकेट के अनुसार राजन के नाम के आगे 'डॉ.' जन्म से जुड़ा हुआ था, जबकि जन्म नाम के आगे डॉ. या कोई अन्य उपाधी नहीं जोड़ी जाती। राजन के घर का एड्रेस भी सर्टिफिकेट में नहीं है। उनका जन्म किस अस्पताल में हुआ, ये भी उसमें नहीं लिखा है।
बता दें कि राजन लंबे समय बाद शुक्रवार को भोपाल अाए हैं। सोशल मीडिया पर दिनभर खबरें चलती रहीं कि सीएम उन्हें यह बर्थ सर्टिफिकेट देंगे, लेकिन निगम ने बताया कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। राजन का जन्म 3 फरवरी 1963 को भोपाल में ही हुआ था। रघुराम राजन के बचपन का थोड़ा समय भोपाल में बीता है। उनके पिता आर गोविंद राजन भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के अधिकारी थे और भोपाल में पोस्टेड थे। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और रघुराम राजन आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ने लगे।
आरबीआई गवर्नर बनने के बाद राजन पहली बार दो दिन के दौरे पर भोपाल पहुंचे। पहले दिन उन्होंने रीजनल बैंकों के साथ बैठक की और उनके काम-काज के तरीके को जाना। वहीं शुक्रवार को वे सांची स्तूप देखने गए और इसके बाद सलामतपुर गांव गए। वहां उन्होंने गांव वालों से बातचीत कर उनकी समस्याएं और उनके काम करने के तरीके के बारे में जानकारी ली।
राजन ने यहां 'रिवर्स माइग्रेशन' की सक्सेज स्टोरी पर लोगों से बातचीत की। सलामतपुर में महिलाओं से बातचीत में रघुराम राजन ने पूछा कि क्या अब भी गांव में लोग साहूकार से ब्याज पर पैसे लेते हैं? जवाब नहीं में मिला।
सलामतपुर में इंजीनियरिंग कर रही गांव की एक बेटी ने जब राजन ने कहा कि उसे लैपटॉप खरीदने के लिए लोन चाहिए, तो वहां मौजूद एक निजी कंपनी के डायरेक्टर ने लड़की को लैपटॉप देने का वादा कर दिया।राजन गांव के अन्य लोगों से भी मिले और सूखे व आर्थिक समस्या पर उनसे बातचीत की।
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