नई दिल्ली. इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत काम करने की आजादी न मिलने से नाराज हैं और इसलिए वो जल्द ही कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।
कांग्रेस ने प्रशांत को यूपी और पंजाब इलेक्शन के लिए जिम्मेदारी दी है। बता दें कि प्रशांत लोकसभा इलेक्शन में मोदी और बिहार असेंबली में नीतीश को कामयाबी दिला चुके हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत को भले ही कांग्रेस ने यूपी और पंजाब इलेक्शन के लिए स्ट्रेटजी बनाने का जिम्मा दिया हो, लेकिन उन्हें अपने तरीके से काम करने की आजादी नहीं मिल रही है। प्रशांत इस बारे में नाराजगी जताते रहे हैं।
किशोर के एक करीबी सूत्र का कहना है कि अब पानी सिर से ऊपर हो गया है, इसलिए प्रशांत कांग्रेस की जिम्मेदारी छोड़ सकते हैं। बिहार चुनाव के फौरन बाद खुद राहुल गांधी ने प्रशांत को कांग्रेस के लिए हायर किया था।
कांग्रेस के कई नेता प्रशांत की मदद नहीं कर रहे हैं। ये लोग उन्हें बाहरी मानते हैं और प्रशांत के काम में दखलंदाजी करते हैं। यूपी में प्रशांत 2017 के असेंबली इलेक्शन के लिए नई टीम चाहते थे लेकिन कई नेता ऐसे हैं जिन्होंने प्रशांत की मांग पर ध्यान ही नहीं दिया।
प्रशांत की इन मांगों को कांग्रेस ने नहीं दी तवज्जो प्रशांत ने कहा कि राहुल या प्रियंका गांधी को यूपी इलेक्शन के लिए सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया जाना चाहिए। इससे कांग्रेस को यूपी में नए तौर पर पेश किया जा सकता है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
प्रशांत चाहते थे कि कमलनाथ, गुलाम नबी आजाद और शीला दीक्षित की एक टीम बनाई जाए, जो यूपी इलेक्शन का काम देखे। इस बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे भी प्रशांत काफी खफा हैं।
पंजाब कांग्रेस के चीफ अमरिंदर सिंह ने तो दो दिन पहले साफ तौर पर कहा था कि प्रशांत उनके काम में टांग न अड़ाएं। एक इंटरव्यू में सिंह ने कहा था- मुझे मालूम है कि पंजाब में पार्टी को कैसे चलाना है। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत इस बयान के बाद बेहद नाराज हैं।
0 comments:
Post a Comment