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ISIS : JNU-कन्हैया के स्टूडेंट मूवमेंट का उठाना चाहता था फायदा

नई दिल्ली.   ISIS भारत में स्टूडेंट्स मूवमेंट का फायदा उठाना चाहता था। आईएसआईएस चाहता था कि इसी मूवमेंट की आड़ में दहशत का माहौल बनाया जाए। एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा भारत में इस संगठन के लिए रिक्रूट हुए 3 संदिग्ध आतंकियों ने किया है।

जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार के अरेस्ट होने के बाद देश के कई शहरों में आंदोलन शुरू हो गए थे। कन्हैया को जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के केस में अरेस्ट किया गया था। 
 19 फरवरी को कन्हैया को देशद्रोह के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था। कई शहरों में स्टूडेंट्स ने इसके विरोध में आंदोलन किए थे।एनआईए की जांच के मुताबिक, आईएसआईएस के रिक्रूटर अहमद अली ने हुगली के 19 साल के आशिक अली से कहा था कि वह स्टूडेंट आंदोलन का फायदा उठाए और गाड़ियों और ऑयल टैंकर में आग लगा दे। 

 यह खुलासा भारत में आईएसआईएस की इंडिया विंग 'जुनैद अल खलीफा-ए-हिंद'ल (जेकेएच) के लिए रिक्रूट हुए 3 संदिग्धों ने किया है। तीनों के नाम आशिक अली उर्फ, मोहम्मद अब्दुल अहद और मोहम्मद अफजल हैं। एनआईए के सूत्रों का कहना है कि आईएसआईएस का मकसद स्टूडेंट्स को भड़का कर देश में अशांति का माहौल बनाना है। एनआईए ने आईएसआईएस के तीन मेंबर्स का बयान पहली बार रिकॉर्ड किया है।

तीनों संदिग्धों के बयान के मुताबिक, जेकेएच की मीटिंग टुमकुर-बेंगलुरु (कर्नाटक), वेस्ट बंगाल और पंजाब में हुई थी।
 आशिक अली ने अपने बयान में कहा, "अहमद अली खुद को अंसार-उत-तवाहिद फी बिलाद-अल-हिंद (AuT) का चीफ बताता था। बता दें कि आशिक मेकैनिकल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट है

19 फरवरी को आशिक से ट्रिलियन ऐप की मदद से कॉन्टैक्ट किया था। उस समय एनआईए ने आईएसआईएस के 19 संदिग्धों को अरेस्ट किया था। आशिक के मुताबिक, अहमद ने मुझसे देश में स्टूडेंट्स मूवमेंट का फायदा उठाने को कहा। उसने मुझसे गाड़ियों और तेल के टैंकरों में आग लगाने को कहा।

आशिक को एनआईए ने 22 फरवरी को अरेस्ट किया था।एजेंसियों का मानना है कि अहमद अली ही शफी अरमर है जो आईएसआईएस का भारत में चीफ था। अरमर हाल ही में यूएस ड्रोन अटैक में मारा जा चुका है।
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