बीजिंग : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चीन के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत से पहले यहां की सरकारी मीडिया ने बुधवार को कहा कि पश्चिमी मीडिया ईरान के चाबहार बंदरगाह को लेकर एशिया के इन दो प्रमुख देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का हव्वा खड़ा कर रहा है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार भारतीय राष्ट्रपति की चीन यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नया अध्याय खुलने वाला है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए सार्थक नतीजे आएंगे।
मुखर्जी अपनी चार दिवसीय यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर गुआंगचउ पहुंचे जहां उन्होंने भारत-चीन व्यापार मंच को संबोधित किया। वह गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और कुछ अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।
एजेंसी ने चाबहार बंदरगाह के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा, 'कुछ पश्चिमी मीडिया ने एशिया की इन दोनों शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा का हव्वा खड़ा करके चीन-भारत संबंधों में कड़वाहट पैदा करने का प्रयास किया है।'
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार भारतीय राष्ट्रपति की चीन यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नया अध्याय खुलने वाला है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए सार्थक नतीजे आएंगे।
मुखर्जी अपनी चार दिवसीय यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर गुआंगचउ पहुंचे जहां उन्होंने भारत-चीन व्यापार मंच को संबोधित किया। वह गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और कुछ अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।
एजेंसी ने चाबहार बंदरगाह के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा, 'कुछ पश्चिमी मीडिया ने एशिया की इन दोनों शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा का हव्वा खड़ा करके चीन-भारत संबंधों में कड़वाहट पैदा करने का प्रयास किया है।'
उसके लेख में कहा गया है, 'उनके (पश्चिमी मीडिया) दुष्प्रचार का सबसे ताजा निशाना ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए नई दिल्ली-तेहरान के बीच हुआ समझौता है। यह बंदरगाह पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा का मीडिया का दावा अनावश्यक है। चीन और भारत के साझा हित और एक दूसरे पर निर्भरता काफी गहरी और निकट है तथा यह इतनी ठोस है कि गलत इरादे वाले पश्चिमी मीडिया के हमले से इस पर कोई असर नहीं होगा।'
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