बहुत से लोग जनेऊ पहने हुए होते हैं। यह तीन धागों वाला एक सूत्र होता है जो लड़के के दस से बारह वर्ष की आयु हो जाने के बाद उसे पहनाया जाता है। जनेऊ पहनने वाला व्यक्ति हर वक्त नियमों से बंधा हुआ होता है।
वह मल-मूत्र विसर्जन के पश्चात अपनी जनेऊ उतार नहीं सकता। आज के ज़माने में लड़के इसे पहनना पसंद नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनके फैशन में बाधा डालता है। लेकिन इसे पहनने से हमारे शरीर को कई बड़े फायदे होते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से जनेऊ पहनना बहुत ही लाभदायक है। यह केवल धर्माज्ञा ही नहीं, बल्कि आरोग्य का पोषक भी है, अत: इसको सदैव धारण करना चाहिए।
चिकित्सकों अनुसार यह जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने से यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है, क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होने लगता है। ऐसे ही अनेको और भी बड़े फायदे हैं जनेऊ धारण करने के जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, तो ज़रा ध्यान दें.... आइये जानें, क्या फायदे हैं
जनेऊ पहनने के यह बीमारियों से बचाता है इसे पहनने वाले व्यक्ति को साफ सफाई का काफी ध्यान रखना पड़ता है। अगर वह मल-मूत्र त्यागने गया है तो उसे जनेऊ को अपने कानों पर टांगना होगा और फिर हाथ पैर धो कर कुल्ला कर के ही जनेऊ को कानों से उतारता है।
यह सफाई उसे दांत, मुंह, पेट, कृमि, जीवाणुओं के रोगों से बचाती है। रक्त संचार बनें सुचारू चिकित्सकों अनुसार यह जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने से यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है, क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होने लगता है।
कान पर बांधने के फायदे जब जनेऊ को कान पर बांधा जाता है, तो उससे स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा ऐसा करने से कान के अंदर की नसें दबती हैं, जिनका संबंध सीधे आंतों से होता है। नसों पर दबाव पड़ने से कब्जी की शिकायत नहीं होती और पेट अच्छे से साफ हो जाता है।
बुरे कार्यो से बचाए जनेऊ से पवित्रता का अहसास होता है। यह मन को बुरे कार्यों से बचाती है। कंधे पर जनेऊ है, इसका मात्र अहसास होने से ही मनुष्य भ्रष्टाचार से दूर रहने लगता है।
शु्क्राणुओं की रक्षा होती है जनेऊ को जब कान में लपेट जाता है तब कान की एक और नस दबती है, जिसका सीधा संबंध अंडकोष और गुप्तेंद्रियों से होता है। ऐसे में शुक्राणुओं की रक्षा होती है।
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