नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने AIPMT (ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट) का नाम बदलकर NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) कर दिया है। अब देश के सभी प्राइवेट और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में MBBS, BDS और PG काेर्सेस में एडमिशन के लिए एक ही कॉमन टेस्ट होगा।
खास बात यह है कि यह टेस्ट 2 फेज में होगा। स्टूडेंट्स को इसी एजुकेशनल ईयर से यह टेस्ट देना होगा। नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट इसी साल से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1 मई को होने वाला AIPMT का एग्जाम अब NEET के नाम से लिया जाएगा।
कोर्ट के फैसले के बाद CBSE और MCI ने बयान जारी कर कहा कि वे इसी साल MBBS और BDS में एडमिशन के लिए NEET कराने के लिए तैयार है। एक अनुमान के मुताबिक 1 मई को होने वाले NEET टेस्ट में 6 लाख स्टूडेंट्स शामिल होंगे।
खास बात यह है कि यह टेस्ट 2 फेज में होगा। स्टूडेंट्स को इसी एजुकेशनल ईयर से यह टेस्ट देना होगा। नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट इसी साल से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1 मई को होने वाला AIPMT का एग्जाम अब NEET के नाम से लिया जाएगा।
1st फेज 1 मई को और 2nd फेज 24 जुलाई को होगा। एग्जाम का कंबाइंड रिजल्ट 17 अगस्त को जारी होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, CBSE और MCI से एग्जाम का प्रपोज्ड शेड्यूल मांगा था।
सरकार, MCI और CBSE ने गुरुवार को कोर्ट में एग्जाम शेड्यूल देते हुए एग्जाम 2 फेज में कराने का प्रपोजल दिया। जिसे मान लिया गया। यह टेस्ट MBBS, BDS सहित सभी पीजी कोर्सेस के लिए भी होगा।
कोर्ट के फैसले के बाद CBSE और MCI ने बयान जारी कर कहा कि वे इसी साल MBBS और BDS में एडमिशन के लिए NEET कराने के लिए तैयार है। एक अनुमान के मुताबिक 1 मई को होने वाले NEET टेस्ट में 6 लाख स्टूडेंट्स शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के अपने 2013 के फैसले को रिकॉल करने से देशभर में 600 से ज्यादा प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ेंगी। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और माइनॉरिटीज मेडिकल इंस्टीट्यूशन अलग से एंट्रेंस टेस्ट नहीं ले पाएंगे। इन इंस्टीट्यूट को स्टूडेंट्स का सिलेक्शन NEET में सिलेक्ट हुए स्टूडेंट्स की लिस्ट से करना होगा।
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