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MP: प्रदेश के विधायकों को एकमुश्त 55 फीसदी इंक्रीमेंट

भोपाल।   प्रदेश में दस साल के दौरान एमएलए के वेतन-भत्ते तीन गुना बढ़ गए। अब विधायकों को 1 लाख 10 हजार रुपए प्रति माह वेतन-भत्ते मिलेंगे, अभी ये 71 हजार रुपए है। यानी एक अप्रैल 2016 से 40 हजार रुपए महीना ज्यादा मिलेंगे। डेढ़ लाख करोड़ के कर्ज में डूबे मध्यप्रदेश पर मंत्री-विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ने से सालाना 31 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
 बढ़ोतरी को लेकर सरकार पर विधायकों का जबरदस्त दबाव था। प्रस्ताव में दो बार बदलाव के बाद बुधवार को कैबिनेट में बिना चर्चा वेतन-भत्ते बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार पिछले एक साल से वेतन-भत्ते बढ़ाने की कोशिश कर रही थी।
इसके तहत मुख्यमंत्री को अब 1 लाख 43 हजार रुपए की जगह दो लाख रुपए वेतन-भत्ता मिलेगा। वेतन-भत्ते से जुड़े प्रस्ताव को कानूनी रूप देने के लिए सरकार गुरुवार को तीन संशोधन विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत करेगी।
 कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार ने वेतन-भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक विधायकों के वेतन-भत्ते छत्तीसगढ़ की तर्ज पर तय हुए हैं।
 वित्त और संसदीय कार्य विभाग मंगलवार देर रात तक प्रस्ताव में बदलाव करते रहे। विधायकों को मिलने वाले वेतन में 20 हजार रुपए की वृद्धि प्रस्तावित है।
अभी इन्हें सिर्फ 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री और उपाध्यक्षों के वेतन-भत्ते बढ़ाए गए हैं। विधायकों का सुविधा भी दी जा रही है कि वे अर्दली भत्ते के तौर पर मिलने वाली राशि से कम्प्यूटर ऑपरेटर रख सकते हैं।
 भूतपूर्व विधायकों की पेंशन में भी पांच हजार रुपए का इजाफा किया गया है। अब इन्हें 15 हजार की जगह 20 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। कई भत्ते इसके अतिरिक्त हैं।
सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष का संवैधानिक पद होने के कारण अलग वेतन-भत्ता देने का निर्णय लिया है। इसके तहत विधानसभा अध्यक्ष को वेतन-भत्तों के मामले में कैबिनेट मंत्री से ऊपर का दर्जा मिलेगा। मुख्यमंत्री के बाद सर्वाधिक वेतन-भत्ते अध्यक्ष के ही होंगे। इसी तरह उपाध्यक्ष को भी कैबिनेट मंत्री के समकक्ष रखा गया है।
सरकार ने विधायकों को दिए जा रहे भत्तों में वृद्धि करने के साथ अव्यवहारिक हो चुके बस यात्रा भत्ते को शून्य कर दिया है। संशोधन विधेयक में इसके लिए जगह नहीं है, वहीं एसयूवी वाहनों के चलन को देखते हुए वाहन कर्ज की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की गई है।
इसी तरह 20 लाख रुपए तक आवास ऋण लेने की पात्रता भी इन्हें रहेगी। वाहन और आवास के लिए कर्ज लेने पर विधायकों को सिर्फ चार प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। ब्याज की बाकी रकम विधानसभा चुकाएगी।
सरकार ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि भी बढ़ाने का फैसला किया है। मीसाबंदियों को अब एक समान रूप से 25 हजार रुपए महीना सम्मान निधि मिलेगी। तीन माह तक जेल में रहने वालों को अभी तक 10 हजार और इससे अधिक अवधि वालों को 15 हजार रुपए दिए जा रहे थे।
 प्रदेश में 2 हजार 140 मीसाबंदी हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सम्मान निधि बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं होने पर आपत्ति जताई। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के अफसरों से कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सबको फायदा दिया जाए। इसके बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सम्मान निधि भी 25 हजार रुपए करने पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री- 2 लाख ,विधानसभा अध्यक्ष- 1 लाख 85 हजार ,कैबिनेट मंत्री, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष- 1 लाख 70 हजार , राज्यमंत्री- 1 लाख 50 हजार ,विधायक- 1 लाख 10 हजार ,भूतपूर्व विधायक- 30 हजार


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