गुड़गांव. जाट आरक्षण की सुगबुगाहट फिर से होने लगी है। सरकार की ओर से प्रशासन को भी इस बार खुली छूट दी गई है कि वे आरक्षण की आड़ में जनता का नुकसान करने वालों के साथ सख्ती से पेश आएं।
गुड़गांव के जिलाधीश टी एल सत्यप्रकाश ने जाट आरक्षण के संभावित आंदोलन के दृष्टिगत सुरक्षा कारणों से ऐहतियात के तौर पर जिले में धारा-144 लगाते हुए निषेधाज्ञा जारी की है।
जारी आदेशों में 5 या इससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, घातक शस्त्र जैसे तलवार, गंडासा, लाठी, बरछा, भाला, जैली, चाकू, साइकिल चेन तथा अन्य प्रकार के हथियार लेकर चलने पर भी पाबंदी लगा दी गई।
इसके साथ ही सड़क, रेलवे ट्रैक जाम करना, वॉटर चैनल तथा पावर हाउस आदि में किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। ये आदेश जिला में तुरंत प्रभाव से लागू किए गए है, जोकि 15 मई 2016 तक प्रभावी रहेंगे।
आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। जाट समाज द्वारा आरक्षण आंदोलन के संबंध में दिए गए अल्टीमेटम से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त व मुस्तैद है।
उपायुक्त ने दोनों एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की मार्फत सभी सरपंच, ग्रामसचिव, पटवारी व नंबरदारों के सहयोग से गांवों में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पुलिस के संज्ञान में देना सुनिश्चित करें।
ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफराष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे, रोडवेज, जीआरपी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी बेहतर ताल-मेल बनाकर रखें। संदेहास्पद स्थानों पर पुलिस की पीसीआर द्वारा वीडियो ग्राफर सहित गश्त की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि सभी पुलिस स्टेशनों के अनुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट् नियुक्त किए गए हैं। बीएसएनएल सहित क्षेत्र की अन्य प्रसार एजेंसियो को भी अपनी सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रखने बारे आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्हांेने जिला सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि इस दौरान एंबुलेंस तैयार रखंे। डॉक्टरों की टीम तैनात रहे और आपातकालीन वार्ड में चौबीस घंटे डॉक्टर की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को संबंधित सभी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
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