भोपाल । प्रदेश सरकार के बजट में सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए करीब 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पहली बार भोपाल में मेट्रो ट्रेन के निर्माण के लिए 225 करो रखे हैं। इससे शिवाजी नगर में स्मार्ट सिटी बनाने से लेकर लाइट मेट्रो ट्रेन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पानी सप्लाई, सीवेज नेटवर्क और सड़कों का निर्माण आदि संभव होगा। बीते पांच साल से बजट में लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए प्रावधान हो रहे थे।
यही नहीं वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बजट में 2018-19 तक शहर में मेट्रो ट्रेन चलाने का दावा भी किया है। यानी स्मार्ट भोपाल की बुनियाद मेट्रो ट्रेन से होगी। नरेला विधानसभा में कॉलेज और राजधानी में 2000 बिस्तरों के नए अस्पताल खुलने से शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाओं में इजाफा होगा। युवाओं में कौशल विकास विकसित कर रोजगार दिलाने के लिए भोपाल के तीनों आईटीआई को मिलाकर विश्वस्तरीय संस्थान बनाया जाएगा। राजधानी में एयरो स्पेस पार्क और इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चिरिंग कलस्टर का निर्माण होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
भोपाल में वर्ष 2018 -19 तक करोंद से एम्स और भदभदा से भेल तक दो रुटों पर मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। 7000 करोड़ रुपए कुल रकम खर्च होंगे। इससे 28 किमी लंबा ट्रैक, स्टेशन और ट्रेन का रोलिंग स्टॉक आदि तैयार होगा। फिलहाल 225 करोड़ रुपए से सरकार काम शुरू करवाएगा। जबकि बाकी रकम जायका व केंद्र सरकार से ली जाएगी।
राजधानी का चयन स्मार्ट सिटी में होने के बाद अब इसे जमीन पर उतारने की तैयारी है। केंद्र और राज्य से 194-194 करोड़ यानी 388 करोड़ रुपए मिलेंगे। निगम इस राशि से पूरे शहर में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट और कचरा प्रबंधन को बेहतर करने के साथ ही शिवाजी नगर में स्मार्ट सिटी की नींव डालने का काम करेगा।
अमृत योजना के तहत राजधानी में पांच सालों में 1450 करोड़ रुपए से पूरे शहर में सीवेज लाइनें और पानी की पाइप लाइन बिछनी है। इसके लिए मौजूदा साल में 145 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस रकम से निगम कोलार की नई ग्रेविटीमेन लाइन बिछाने और पार्कों के विकास का काम शुरू कर सकेगा।
सरकार ने डेडिकेटेड अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड में लगातार दूसरी साल 48 करोड़ रुपए दिए हैं। इसमें से भोपाल को 10 करोड़ रुपए मिलेंगे। नगर निगम इन पैसों से नई बसों की खरीदी करेगा।
पीडब्ल्यूडी सुभाष नगर रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) 29.37 करोड़ रुपए से बनाएगा। इसके लिए फिलहाल 1 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है। रेलवे ने भी अपने बजट में इस ब्रिज के निर्माण में सहयोग देने की बात कही है।
मेडिकल कॉलेजों के ऑपरेशन थियेटरों (ओटी) में अब संक्रमण का डर नहीं रहेगा। हर मेडिकल कॉलेज में चरणबद्घ तरीके से मॉड्युलर ओटी बनाए जाएंगे। पहले चरण में हर मेडिकल कॉलेज में दो ओटी बनाए जाएंगे। अभी हमीदिया अस्पताल व सुल्तानिया अस्पताल में कुल 16 ओटी हैं। इनमें से कुछ में तो एसी भी नहीं चलते। पंखे की हवा में ऑपरेशन होते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा रहता है। अब इनमें गुणवत्ता सुधर सकेगी।
हमीदिया में 2 हजार बिस्तर का अस्पताल बनेगा। इसमें 500 बिस्तर का सुपर स्पेशलिटी विंग भी होगी। अभी जगह की कमी के चलते एमसीआई मान्यता में अड़चन आती है। यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
सभी जिला अस्पतालों में पीपीपी से सीटी स्कैन व 12 जिला मिलेगी। इससे मरीजों की बाजार दर से करीब आधे में जांच हो सकेगी। सात नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, एमबीबीएस की 800 सीटें बढ़ जाएंगी। संबंधित जिला अस्पतालों बड़ी बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा।
7 विषयों में सुपर स्पेशलिटी शुरू होगी। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी की सिर्फ दो सीटें हैं।
राजधानी में नई सड़कें बनाने के लिए मिलेंगे 17 करोड़ रुपए। मौजूदा सड़कों की मरम्मत के लिए 32 करोड़ रुपए का प्रावधान। राज्य जलवायु परिवर्तन ज्ञान सेंटर की होगी स्थापना। 132 करोड़ रुपए मंत्रालय की एनेक्सी बनाने के लिए। 1250 करोड़ रुपए के निजी निवेश से एयरो स्पेस पार्क।
7.21 करोड़ रुपए से एन्वायर्नमेंट रिसर्च एजुकेशन एंड ट्रेनिंग। 4 करोड़ रुपए से जिंसी चौराहे से शब्बन चौराहा रोड का चौड़ीकरण।
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