नई दिल्ली : कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के भारी उत्साह के बीच मंगलवार को राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई, जिसमें न सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति विशिष्ट मेहमान रहे बल्कि उनके देश के सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में देश की सेनाओं ने अपने शौर्य और दमखम को प्रदर्शित किया। गौर हो कि पूरा देश आज 67वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह तीनों सेना प्रमुखों के साथ राजपथ पर स्थित अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
फ्रांस की सेना भी आज परेड में शामिल हुई। यह पहला अवसर था जब गणतंत्र दिवस परेड में किसी विदेशी सैन्य दस्ते ने हिस्सा लिया हो। परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का एहसास कराया। सुरक्षा कारणों से इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 25 मिनट की कटौती की गई। इसे 115 मिनट की बजाय 90 मिनट का कर दिया गया।
सेना के तीनों अंगों के जवानों की तुर्रीदार पगड़ियां, उजले रौबदार चेहरे, शौर्य से चमकती आंखें और बैंड की धुन पर एक साथ उठते बढ़ते संतुलित कदम आज यहां हलके कोहरे की चादर से लिपटे भव्य राजपथ पर देश के गणतंत्र का 67वां उत्सव मनाने उतरे। इस दौरान देश की सैन्य, सांस्कृतिक और लोक विरासत को भी पूरी सजधज के साथ पेश किया गया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इस वर्ष की परेड के मुख्य अतिथि बने और गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में पहली बार फ्रांस के सैनिकों ने पहली विदेशी टुकड़ी के तौर पर राजपथ पर मार्च किया। इस दौरान दुश्मन का कलेजा कंपा देने वाली हथियार प्रणालियों को भी परेड का हिस्सा बनाया गया। परेड के इंतजाम में इस वर्ष सुरक्षा को खास स्थान दिया गया था और विशिष्ट जन के साथ ही वहां मौजूद हजारों लोगों की भीड़ की सुरक्षा के लिए पूरे इलाके के चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की पैनी निगाहें थीं।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच में बैठे थे और डेढ़ घंटे की इस परेड के दौरान मोदी को कई बार ओलांद को कुछ बताते समझाते देखा गया।
0 comments:
Post a Comment