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कीर्ति आजाद को जेटली के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा भारी, भाजपा से निलंबित

डीडीसीए मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मुखर भाजपा सांसद कीर्ति आजाद को तत्काल प्रभाव से बुधवार को पार्टी ने निलंबित कर दिया। आजाद ने पार्टी नेतृत्व के मना करने के बावजूद बीते रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के इस मामले को उठाया था। भाजपा नेतृत्व ने आजाद के रवैये को घोर अनुशासनहीनता मानते हुए यह कदम उठाया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के नेताओं से चर्चा करने के बाद यह फैसला किया। संसदीय बोर्ड के सदस्य शिवराज सिंह चौहान, जे पी नड्डा व रामलाल पार्टी कार्यालय में मौजूद थे, जबकि अन्य सदस्यों से शाह ने फोन पर बात की। सभी प्रमुख नेताओं से चर्चा करने के बाद भाजपा अध्यक्ष ने आजाद को पार्टी से निलंबित करने के आदेश जारी किया। 

आजाद को निलंबित करने के फैसले के साथ भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उनके खिलाफ की गई इस कार्रवाई के कारण बताए हैं। इस पत्र में शाह ने लिखा है,‘आप जिस तरह का रवैया अपनाए हैं, वह अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि है। आप कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के साथ हैं और सरकार व पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। संसद के भीतर का आचरण भी पार्टी विरोधी है। अखबार, टीवी व इंटरनेट पर आप लगातार पार्टी विरोधी बयान दे रहे हैं। यह सब जानबूझकर कर रहे हैं जिससे पार्टी व उसके नेताओं की छवि खराब हो। ऐसे में भाजपा संविधान की धारा 25 (नियम 10) के तहत आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।’ 

भाजपा नेतृत्व का मानना था कि आजाद के रवैये से विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का मौका मिल रहा है और वे इस सारे मामले में पार्टी की हिदायतों को नजरंदाज कर रहे हैं। गौरतलब है कि आजाद को सबसे पहले भाजपा महासचिव रामलाल ने समझाया था और उसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सख्त हिदायत दी थी। इसके बाद भी आजाद नहीं माने। पार्टी के एक प्रमुख नेता का कहना है कि आजाद सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं उठा रहे थे, बल्कि इसके जरिए सरकार व पूरी पार्टी की छवि खराब कर रहे थे। 

अपने निलंबन पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कीर्ति आजाद ने कहा है कि यह फैसला पार्टी का दुर्भाग्य है। इसके ए पार्टी खुद जिम्मेदार है। वे नौ साल से इस मुद्दे को उठा रहे थे। इस बार भी उन्होंने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोला। किसी नेता को हटाने की मांग नहीं की। आजाद ने कहा कि जो सच्चाई की बात करता था वह बाहर हो गया है। ‘आप’ व कांग्रेस के बारे में उन्होंने कहा कि उनका मुद्दों इन दलों ने लिया है। उन्होंने एक आम आदमी की तरह पार्टी के लिए काम किया और कभी कोई पद भी नहीं मांगा। 

ट्वीट
-आजाद को भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम की कीमत चुकानी पड़ी है। इससे भाजपा का भ्रष्टाचार के खिलाफ दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। - अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री

-कीर्ति आजाद को भाजपा ने निलंबित कर दिया। उनका अपराध? डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबूत के साथ आवाज उठाना है। - दिग्विजय सिंह, कांग्रेस नेता
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