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हिट एंड रन केस: सलमान खान को सभी आरोपों से बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया बरी

बंबई उच्च न्यायालय ने आज बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया। इस मामले में सत्र न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराया था और पांच वर्ष के जेल की सजा मुकर्रर की थी।

खचाखच भरी अदालत में 49 वर्षीय अभिनेता को बरी करते हुए न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने कहा अपील को स्वीकार किया जाता है। निचली अदालत के फैसले को खारिज किया जाता है। सलमान को सभी आरोपों से मुक्त किया जाता है। फैसले को सुनते समय सलमान की आंखों में आंसू आ गये। 

नीले और सफेद रंग की कमीज पहने सलमान दोपहर करीब डेढ़ बजे अदालत पहुंचे। पुलिस ने उच्च न्यायालय परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी थी। अभिनेता के साथ उनके अंगरक्षक शेरा, उनके बहनोई आयुष, उनकी बहन अलविरा और उनके प्रबंधक थे। न्यायमूर्ति जोशी ने कहा कि अभियोजन पक्ष इस मामले में आरोपी (सलमान) के खिलाफ सभी आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। न्यायमूर्ति जोशी सोमवार से अपना फैसला लिखवा रहे थे। 

अभिनेता की कार 28 सितंबर 2002 को उपनगरीय बांद्रा की एक दुकान में घुस गई थी। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हो गए थे। वकील, वादी और अन्य लोग सलमान की एक क्षलक पाने के लिए अदालत में और परिसर के आसपास एकत्रित हो गये थे। मुंबई के बाहरी हिस्से के एक स्टूडियो से सलमान अदालत पहुंचे जहां वह शूटिंग में व्यस्त थे।

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के अपराध को साबित करने की जिम्मेदारी अभियोजन पक्ष पर है और इसे संदेह से परे प्रमाणित करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से कई खामियां रहीं। इसमें जरूरी और महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही रिकॉर्ड नहीं करना, घायल गवाहों की गवाही में कई चीजों को छिपा लेना या उनके बयानों में अंतर्विरोध होना जैसी कमियां शामिल हैं जो अपराध में सलमान की संलिप्तता पर संदेह उत्पन्न करते हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन साक्ष्यों के आधार पर सलमान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

न्यायाधीश ने कहा कि जांच में कई प्रकार की चूक हुई जिसके आधार पर संदेह का लाभ आरोपी को मिलना चाहिए। 
न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायालय का कार्य उसके समक्ष पेश किये गये साक्ष्य का विश्लेषण करना है और साथ ही यह देखना है कि संदेह से परे अपराध सिद्ध होता हो।

उन्होंने कहा कि उनकी राय में अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के लिए निचली अदालत ने जिन साक्ष्यों को आधार बनाया वे आपराधिक कानूनों के सिद्धांतों के अनुसार समुचित और विधिसम्मत नहीं थे। न्यायाधीश ने कहा कि इस कारण निश्चित रूप से यह कहा जाना चाहिए कि यह उस प्रकार का मामला नहीं है जिसमें अभियोजन पक्ष ने पूरी तरह आरोपों को साबित कर दिया हो। उन्होंने साथ ही कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किये गये सभी साक्ष्य परिस्थिति पर आधारित थे।

अदालत ने कहा कि मुख्य पहलू नशे की हालत में गाड़ी चलाने से जुड़ा था लेकिन अभियोजन ने इस पक्ष में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जिससे आरोपी का अपराध साबित हो।

न्यायाधीश ने सजा लिखवाते समय कहा कि निचली अदालत ने बिना पंचनामा के बिल स्वीकार करके गलती की। यह रेन बार एंड रेस्टोरेंट का बिल था जहां दुर्घटना से पहले सलमान गये थे।
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