रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में टीम को 334 रन से जीत दिलाई और इसके साथ ही मेजबान ने चार मैचों की सीरीज 3-0 से ऐतिहासिक अंतर से जीत ली।
जीत के लिए 481 रन के लगभग नामुमकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका अत्यंत रक्षात्मक खेल के बावजूद 143.1 ओवर में 143 रन पर आउट हो गई। आखिरी पांच विकेट नाटकीय ढंग से सिर्फ सात रन के भीतर गिरे। इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी दूसरे नंबर पर पहुंच गया। अश्विन ने मोर्नी मोर्कल को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया। इस सीरीज में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज अश्विन ने 49.1 ओवर में 61 रन देकर पांच विकेट लिए।
कप्तान विराट कोहली और मैन ऑफ द मैन अजिंक्य रहाणे ने सोवेनियर स्टम्प्स उठाए। खिलाड़ियों ने जीत का जश्न मनाने के साथ दर्शकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था।
एबी डिविलियर्स के 297 गेंद में 43 रन की बदौलत एक समय दक्षिण अफ्रीका ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था लेकिन आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने मैच का नक्शा बदल दिया। तेज गेंदबाज उमेश यादव ने तीन विकेट लिये जबकि अश्विन ने डिविलियर्स की पारी का अंत किया।
अश्विन की करिश्माई ऑफ ब्रेक गेंद पर डिविलियर्स ने अजीब तरीके से खेला और लेग स्लिप में जडेजा को कैच दे बैठे। इससे पहले वनडे और टी20 सीरीज हारने वाली भारतीय टीम के जख्म इस जीत से कुछ हद तक भरे होंगे।
उमेश यादव को भी जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने 21 ओवर में सिर्फ नौ रन देकर तीन विकेट लिए। उन्होंने आखिरी सत्र में डेन विलास और काइल एबट के बोल्ड किया जबकि डेन पीट ने विकेट के पीछे रिधिमान साहा को कैच थमाया।
लंच के बाद ही जीत की उम्मीदें बढ़ गई थी जब फाफ डु प्लेसी को रविंद्र जडेजा ने पगबाधा आउट किया। डु प्लेसी ने 97 गेंद में 10 रन बनाए। अश्विन ने जेपी डुमिनी (0) को सीरीज में अपना 30वां शिकार बनाया जो पगबाधा आउट हुए। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सुबह के सत्र में 31 ओवरों में सिर्फ 42 रन बनाए थे। आखिरी सत्र शुरू होने पर लगा था कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दक्षिण अफ्रीका अपने सबसे मुश्किल ड्रॉ की ओर बढ़ेगा। भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज डिविलियर्स ने अकेले किला लड़ाने की कोशिश की और दिखा दिया कि बेहतरीन खिलाड़ी कैसे हालात के मुताबिक अपने खेल को बदल सकते हैं। दुनिया के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाज ने बेहद संयम का प्रदर्शन किया और संभलकर रन बनाए।
सुबह के सत्र में जडेजा ने अमला को बेहद खूबसूरत गेंद पर पवेलियन भेजा था। कप्तान अमला ने खाता खोलने के लिए 46 गेंदों का इंतजार किया था। डु प्लेसी ने 52 डॉट गेंद खेलकर 53वीं गेंद पर खाता खोला। इससे पहले डु प्लेसी ने एडीलेड (2012) में इस तरह का रक्षात्मक खेल दिखाते हुए सात घंटे 46 मिनट क्रीज पर रहकर 110 रन बनाए थे। उनकी इस पारी के कारण ऑस्ट्रेलिया तय लग रही जीत से वंचित रह गया था। उस समय भी उनके जोड़ीदार डीविलियर्स थे जिन्होंने 220 गेंद में 33 रन बनाए थे।
डु प्लेसीस ने खाता खोलने के लिए सबसे ज्यादा गेंदें लेने के मामले में ग्रांट फ्लॉवर (2000 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंद) को भी पछाड़ा। अब वह इस सूची में तीसरे नंबर पर आ गए हैं। अमला का स्ट्राइक रेट 10.44 का रहा लेकिन उन्होंने रक्षात्मक खेल का नायाब नमूना पेश किया। उन्होंने सिखाया कि लगभग हारे हुए मैच का रूख ड्रॉ की ओर कैसे किया जाता है।
जीत के लिए 481 रन के लगभग नामुमकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका अत्यंत रक्षात्मक खेल के बावजूद 143.1 ओवर में 143 रन पर आउट हो गई। आखिरी पांच विकेट नाटकीय ढंग से सिर्फ सात रन के भीतर गिरे। इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी दूसरे नंबर पर पहुंच गया। अश्विन ने मोर्नी मोर्कल को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया। इस सीरीज में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज अश्विन ने 49.1 ओवर में 61 रन देकर पांच विकेट लिए।
कप्तान विराट कोहली और मैन ऑफ द मैन अजिंक्य रहाणे ने सोवेनियर स्टम्प्स उठाए। खिलाड़ियों ने जीत का जश्न मनाने के साथ दर्शकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था।
एबी डिविलियर्स के 297 गेंद में 43 रन की बदौलत एक समय दक्षिण अफ्रीका ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था लेकिन आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने मैच का नक्शा बदल दिया। तेज गेंदबाज उमेश यादव ने तीन विकेट लिये जबकि अश्विन ने डिविलियर्स की पारी का अंत किया।
अश्विन की करिश्माई ऑफ ब्रेक गेंद पर डिविलियर्स ने अजीब तरीके से खेला और लेग स्लिप में जडेजा को कैच दे बैठे। इससे पहले वनडे और टी20 सीरीज हारने वाली भारतीय टीम के जख्म इस जीत से कुछ हद तक भरे होंगे।
उमेश यादव को भी जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने 21 ओवर में सिर्फ नौ रन देकर तीन विकेट लिए। उन्होंने आखिरी सत्र में डेन विलास और काइल एबट के बोल्ड किया जबकि डेन पीट ने विकेट के पीछे रिधिमान साहा को कैच थमाया।
लंच के बाद ही जीत की उम्मीदें बढ़ गई थी जब फाफ डु प्लेसी को रविंद्र जडेजा ने पगबाधा आउट किया। डु प्लेसी ने 97 गेंद में 10 रन बनाए। अश्विन ने जेपी डुमिनी (0) को सीरीज में अपना 30वां शिकार बनाया जो पगबाधा आउट हुए। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सुबह के सत्र में 31 ओवरों में सिर्फ 42 रन बनाए थे। आखिरी सत्र शुरू होने पर लगा था कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दक्षिण अफ्रीका अपने सबसे मुश्किल ड्रॉ की ओर बढ़ेगा। भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज डिविलियर्स ने अकेले किला लड़ाने की कोशिश की और दिखा दिया कि बेहतरीन खिलाड़ी कैसे हालात के मुताबिक अपने खेल को बदल सकते हैं। दुनिया के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाज ने बेहद संयम का प्रदर्शन किया और संभलकर रन बनाए।
सुबह के सत्र में जडेजा ने अमला को बेहद खूबसूरत गेंद पर पवेलियन भेजा था। कप्तान अमला ने खाता खोलने के लिए 46 गेंदों का इंतजार किया था। डु प्लेसी ने 52 डॉट गेंद खेलकर 53वीं गेंद पर खाता खोला। इससे पहले डु प्लेसी ने एडीलेड (2012) में इस तरह का रक्षात्मक खेल दिखाते हुए सात घंटे 46 मिनट क्रीज पर रहकर 110 रन बनाए थे। उनकी इस पारी के कारण ऑस्ट्रेलिया तय लग रही जीत से वंचित रह गया था। उस समय भी उनके जोड़ीदार डीविलियर्स थे जिन्होंने 220 गेंद में 33 रन बनाए थे।
डु प्लेसीस ने खाता खोलने के लिए सबसे ज्यादा गेंदें लेने के मामले में ग्रांट फ्लॉवर (2000 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंद) को भी पछाड़ा। अब वह इस सूची में तीसरे नंबर पर आ गए हैं। अमला का स्ट्राइक रेट 10.44 का रहा लेकिन उन्होंने रक्षात्मक खेल का नायाब नमूना पेश किया। उन्होंने सिखाया कि लगभग हारे हुए मैच का रूख ड्रॉ की ओर कैसे किया जाता है।
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