देवउठनी एकादशी यानी देवों के उठने के साथ ही शादियां भी होती हैं, हालांकि एकादशी को सूर्य तुला राशि में होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं हैं। इस दिन भगवान सालिगराम व तुलसी का विवाह हुआ था इसलिए इस अबूझ मुहूर्त में शादियां भी होती हैं।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन देव मुहूर्त और अबूझ मुहूर्त होने के कारण विवाह करने में कोई हर्ज नहीं है। सूर्य जब 6 राशियों में होता है तो वैवाहिक मुहूर्त रहते हैं। ये 6 राशियां मेष, वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, मकर और कुंभ हैं। इसी प्रकार जब सूर्य कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु और मीन राशि में भ्रमण कर रहा होता है, तब मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।पंचांग के अनुसार विवाह मुहूर्त सूर्य के वृश्चिक राशि में जाने के बाद ही शुरू होंगे। विवाह में गुरु और शुक्र ग्रह का विशेष महत्व होता है। इस बार देवउठनी एकादशी के बाद भी दोनों ग्रह अस्त हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरु के सिंह राशि में होने से शादियां नहीं होंगी। जनवरी-फरवरी 2016 में गुरु कुछ समय के लिए सिंह से कन्या राशि में रहेंगे तब 28, 29 जनवरी, 2, 11 और 16 फरवरी 2016 को विवाह के शुद्ध मुहूर्त हैं, इसलिए सिर्फ जनवरी-फरवरी 2016 में 5 मुहूर्त दिए हैं। हालांकि पंचांग के अनुसार नवंबर के आखिरी सप्ताह से शादियों के मुहूर्त दिए गए हैं। विवाह के मुहूर्त (पंचांग के अनुसार) नवंबर - 26, 27 दिसंबर - 4, 8, 12, 13, 14, 15 जनवरी- 2016 : 28, 29 फरवरी - 2, 11, 16 बनारस सहित अन्य पंचांगों के अनुसार जून 2015 से नवंबर 2016 के बीच विवाह के सिर्फ 5 ही मुहूर्त हैं। सिंह के नवांश में शादियों के मुहूर्त नहीं हैं।
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