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धवन फॉर्म से बाहर नहीं है : कोहली

नई दिल्ली। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच बारिश के चलते एक दिन से ज्यादा नहीं खेला जा सका और आखिरकार ड्रॉ पर खत्म हुआ। कप्तान विराट कोहली ने इसे लेकर निराशा जताई।

कोहली के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। उन्होंने मैच के बाद कहा, यह काफी निराशाजनक है, तीसरे दिन का खेल रद्द होना बेहद निराशाजनक रहा क्योंकि पहले दिन हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा था। किसी भी टेस्ट में सबसे कठिन काम अपना पलड़ा भारी करना और वहां से और मजबूत स्थिति में पहुंचना होता है। हम ऐसा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे। लेकिन मौसम खराब हो गया।
विराट ने कहा, आप अच्छी स्थिति में हो या नहीं हो लेकिन यह किसी भी टीम के लिये बुरा होता है कि वह मैदान पर आए और खेल नहीं हो सके। खेल का अभिप्राय पॉजिटिव तरीके से क्रिकेट खेलना है। डेढ़ दिन में रिजल्ट प्राप्त करना मुमकिन नहीं है लेकिन हमारा मानना था कि अगर चौथे और पांचवें दिन खेल होता है तो हम चौथे दिन बल्लेबाजी करके पांचवें दिन उन पर दबाव बना सकते थे।
कोहली ने कहा, हमने बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर दुनिया की नंबर एक टीम को तीन सत्र में आउट किया। हमारे खिलाड़ी पूरी लय में थे लेकिन मौसम की मार झेलने वाले मैचों में कुछ खास नहीं किया जा सकता है।
कोहली ने कहा, मेरा मानना है कि अगर टेस्ट मैच में आप चार दिन गंवा चुके होते हो तो फिर एक रिजर्व दिन होने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। अगर एक या दो दिन खेल नहीं हो पाता और तब आप बदलाव करते तो उसका कुछ मतलब बनता है लेकिन अगर आप चार दिन गंवा देते हो तो फिर रिजर्व दिन का मतलब ही नहीं रहता। मुझे नहीं पता कि इसका क्या हल हो सकता है।
भरतीय कप्तान ने कहा, अगर नियम होते है तो इस तरह से होने चाहिए कि जितने दिन आपने गंवाए उतने दिन आगे मैच खेला जाए लेकिन ऐसी स्थिति में जबकि हमने चार दिन गंवाए तो यह टेस्ट मैच नौ दिन का हो जाता जो कि सही नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई परिवर्तन होना चाहिए क्योंकि वर्षों से ऐसा ही चला आ रहा है।
कोहली ने शिखर धवन का पक्ष लिया धवन मोहाली में पहले मैच की दोनों पारियों में खाता भी नहीं खोल पाए थे लेकिन यहां वह 45 रन बनाकर नॉटआउट रहे। उन्होंने कहा, अगर आप पिछले तीन टेस्ट मैचों में दो शतक बनानें को संघर्ष कहते हो तो फिर मुझे पता नहीं कि आप फॉर्म किसे कहते हो। 

पिछले तीन टेस्ट मैचों में धवन नें बांग्लादेश और फिर श्रीलंका के विरूद्ध गाले में शतक बनाया। दुर्भाग्यवश वह चोटिल हो गया और इसके पश्चात उसने अपना पहला मैच मोहाली में खेला। इसलिए केवल दो या तीन पारियों से इतना कठोर रवैया अपनाना सही नहीं है।
कोहली ने कहा, यह इंटरनेशनल क्रिकेट है और शिखर ने कई पारियां खेली है। हमें धैर्य रखना होगा। वह प्रभाव छोडऩे वाला खिलाड़ी है। हम उसे जितना आत्मविश्वास दे सकते हैं उसे देना चाहिए। जब उसका बल्ला चलता है तो वह हमें मैच जीताता है। वह फॉर्म से बाहर नहीं है, वह अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है और गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहा है। हमें उस पर बिल्कुल दबाव नहीं बनाना चाहिए।
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