दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में शुमार और दुनिया के आठ अजूबो में शामिल रहे ताजमहल के बारे में क्या आप ये सच्चाई जानते है, के इसमें हिन्दू और दूसरे धर्मो के लोगो को प्रवेश की अनुमति नही है. अगर आप इस दिन आगरा जाने और ताजमहल देखने का कार्यक्रम बना रहे है तो रद्द कर दीजिये.
हालाँकि ये जानकारी ताजमहल की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है लेकिन इसमें इसका कोई कारन नही बताया गया है, और वो ये है ई शुक्रवार( जुम्मे के दिन) हिन्दू या दुनिया के और किसी भी धर्मावलम्बी को ताजमहल में जाने की इजाजत नही मिलती है. ऐसा क्यों है इसका कारन भी धार्मिक है और पता नही ये कब से शुरू किया गया है.
दरअसल शुक्रवार के दिन वंहा के मुस्लिम धर्म के लोग जुम्मे की नमाज ताजमहल में ही अदा करते है, और इस कारन किसी और धर्म के लोगों को इस दिन प्रवेश की इजाजत नही है. हालाँकि आप इस दिन बाकि हेरिटेज देख सकते है लेकिन ताजमहल में प्रवेश वर्जित होगा.
ये कब से शुरू हुआ है इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नही मिल गई है लेकिन अगर आप शुक्रवार के दिन ताजमहल देखने पहुँच गए तो आपको काफी फ़्रस्ट्रेटेड फील हो सकता है.
एक और जानकारी दे देते है ताजमहल की एंट्री फीस भी तीन गुनी कर दी गई है, इसे लागु करने पर विरोध भी हुआ क्योंकि अधिसूचना नही निकली गई थी.
अब पेंतालिस दिन बाद लागु होगी ये बढ़ी हुई दरें. गौर हो की मुमताज शाहजहाँ की दूसरी बीवी थी जो की चौदहवे बच्चे को जन्म देते समय मर गई थी और शाहजहाँ उस समय युद्ध में था तो बेहरानपुर में पहले उसे दफनाया गया बाद में उसकी कब्र को यंहा स्थापित किया गया.
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