नयी दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल का आना जारी है. एनडीटीवी और हंसा रिसर्च ने अभी -ताजा जो एग्जिट पोल की रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबिक बिहार में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. पोल के मुताबिक, राज्य में एनडीए 120 से 130 सीटें हासिल कर सरकार गठन के लिए जरूरी बहुमत जुटा लेगी, जबकि महागठबंधन को 105 से 115 सीटें मिलने का अनुमान है.
सर्वे की माने तो बिहार के मगध क्षेत्र की 49 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हुई. इस क्षेत्र में सर्वणों की तुलना में ओबीसी ज्यादा हैं. वहीं मुस्लिमों की आबादी भी कम है, जबकि दलित की संख्या औसत है.पिछले चुनाव की तुलना में महागठबंधन को इस इलाके में बुजुर्ग, दलित एवं महिला वोटरों का अच्छा साथ मिलता दिख रहा है, वहीं एनडीए की सवर्णों, दलितों और पुरुष में पैठ देखी जा रही है. एग्जिट पोल के अनुसार पहला चरण महागंठबंधन के खाते में गया है. वही पोल के मुताबिक मतदान प्रतिशत का हाल कुछ यूं है. महागठबंधन को 43% वोट तो एनडीए को 39% वोट मिलने का अनुमान है। मगध क्षेत्र में महागठबंधन को पिछली बार की तुलना में 2% वोटों का नुकसान हो रहा है, जबकि बीजेपी को 2% का फायदा.
सीटों पर वोटिंग हुई जिसमें सर्वणों और दलितों की आबादी ओबीसी और मुस्लिमों की तुलना में ज्यादा है. एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक, महागठबंधन के लिए मजबूत माने जाने वाले इस इलाके में भी उसे पिछली बार की तुलना में नुकसान हुआ है। भोजपुर क्षेत्र में उसे इस बार 40 फीसदी वोट प्राप्त हुए, जो कि पिछली बार से 4% कम है, जबकि एनडीए के वोट 3% बढ़कर 44% हो गए हैं. इस चरण की 32 सीटों में से महागठबंधन के खाते में 12, जबकि एनडीए को 19 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एक अन्य के खाते में जा रहा है। यहां भी महागठबंधन को 9 सीटों का भारी नुकसान, तो एनडीए को आठ सीटों का फायदा होने का अनुमान है.
तीसरे चरण में पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, सारण और वैशाली जिलों की कुल 50 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए. इस चरण में ज्यादातर शहरी इलाके शामिल थे और इन इलाकों को बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है. एग्जिट पोल के अनुमान के अनुसार इस चरण में महागठबंधन को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि अगर 2014 के लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो महागठबंधन को 1 फीसदी वोट का नुकसान होता दिख रहा है. वहीं एनडीए को 1 फीसदी वोट का फायदा होता दिख रहा है और उसका वोट प्रतिशत बढ़कर 42 से 43 होने का अनुमान है. बीजेपी को तीसरे चरण में 28 सीटें मिलने का अनुमान है और 2014 की तुलना में 6 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. वहीं अन्य के खाते में 1 सीट जाती दिख रही है.
एनडीटीवी और हंसा के मुताबिक 1 नवंबर को तिरहुत इलाके की 55 सीटों पर मतदान हुआ. इस चरण में गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शियोहर, सीतामढ़ी और सीवान जिलों में चुनाव हुए. इस इलाके में ओबीसी वोटर कम हैं जबकि सवर्ण और दलित वोटर औसत संख्या में हैं. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां महागंठबंधन ने बाजी मारी है.
पोल की माने तो पांचवे चरण में अररिया, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया, सहरसा और सुपौल इलाकों की 57 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए और 2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो महागठबंधन का वोट प्रतिशत 51 था और उसके खाते में 45 सीटें थी. वहीं बीजेपी 31 फीसदी वोटों के साथ 7 सीटों पर सिमटी थी.
0 comments:
Post a Comment