संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को हंगामा होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता के मुद्दे पर लोकसभा में बहस के लिए नोटिस दे रखा है। ऐसे में विपक्ष सरकार से फौरन चर्चा की मांग करेगा। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव की मांगी की है।
राज्यसभा में बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती समारोह के तहत संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर बहस होगी। पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से लौटने के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में चर्चा का जवाब देंगे। लोकसभा में असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस ने नोटिस दिया है।
विपक्षी दलों की मांग है कि असहिष्णुता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी बहस का जवाब दें। इसके साथ सरकार उन मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिन्होंने विवादित बयान देकर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया है। जदयू महासचिव केसी त्यागी के मुताबिक, हम सिर्फ बहस नहीं, सरकार से कार्रवाई भी चाहते हैं। पांच मंत्रियों ने विवादित बयान दिए हैं, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दबाव बनाने की कोशिशशीतकालीन सत्र के पहले दो दिन कोई हंगामा नहीं हुआ। क्योंकि, संविधान पर होने वाली बहस में कोई भी सियासी पार्टी बाधा नहीं डालना चाहती थी। पर लोकसभा में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर बहस खत्म हो चुकी है। ऐसे में विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। हालांकि सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह असहिष्णुता पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार चर्चा कराने के तैयार हो जाती है, तो विपक्ष विवादित बयान देने वाले मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा।
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