....

केंद्र सरकार ने स्वामी पर केस चलाने को सही ठहराया, हेट स्पीच पर सजा की पैरवी की

नई दिल्ली: होम मिनिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके कहा है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर लोगों को किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। इससे अशांति फैलेगी और दंगे होंगे। सरकार का यह रुख बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के उस पिटीशन पर आया है, जिसमें उन्होंने हेट स्पीच से जुड़े आईपीसी के सेक्शन 153, 153A,153B, 295, 295A, 298 और 505 की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए थे। केंद्र ने स्वामी के खिलाफ हेट स्पीच के मामले में केस चलाए जाने को भी सही ठहराया है। केंद्र की ओर से दाखिल एफिडेविट में स्वामी की एक बुक पर कहा गया है, ''इस किताब में ऐसा कंटेंट है, जो हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत को बढ़ावा देता है। इस तरह से पिटीशन लगाने वाले ने आईपीसी की धाराओं का उल्लंघन किया है।''

स्वामी की पिटीशन पर केंद्र सरकार ने इस साल जुलाई में केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है, ''अगर लोगों को भारत के विभिन्न ग्रुप्स के बीच नफरत फैलाने के लिए आजाद छोड़ दिया जाए तो अशांति फैल जाएगी। दंगे या दूसरे अपराध हो सकते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा और विभिन्न वर्गों के बीच कड़वाहट बढ़ेगी। इससे समाज की शांति-व्यवस्था में दिक्कत आएगी।'' केंद्र सरकार के मुताबिक, हेट स्पीच से जुड़े कानूनों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, क्योंकि संविधान भी नागरिकों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर वाजिब कंट्रोल की मंजूरी देता है। इन कानूनों से समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिलती है।

Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment