मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसानों के
आत्महत्या करने की घटनाओं को दुखद बताया है. जापान और कोरिया की 10 दिन की विदेश यात्रा से लौटे शिवराज
सिंह चौहान ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी हैं.
यह लगातार चौथा वर्ष है, जब सही तरीके से बारिश नहीं हुई.
मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेश दौरे पर जाने के पहले वे
सूखे की समीक्षा के लिए कई बैठकें कर चुके थे. पांच जिलों की 32 तहसीलों को
सूखाग्रस्त भी घोषित किया जा चुका है.
शिवराज ने कहा कि मौसम की मार की वजह से कई जगह सूखे जैसे हालात बन रहे है. वही सोयाबीन की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की मौत के
आंकड़े को लेकर पूछे गए सवाल को टाल गए. उन्होंने कहा कि एक भी किसान की
मौत पीड़ादायक है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह किसानों की आत्महत्या
की वजहों पर कुछ बोलना नहीं चाहेंगे.
उन्होंने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि एमपी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए प्रभावी कदम उठाए है.
उन्होंने बताया कि किसानों को जीरो परसेंट पर कर्ज दिया जा
रहा था. अब उन्हें माइनस 10 परसेंट पर कर्जा दिया जाएगा. यानि किसी किसान
को यदि एक लाख रुपए कर्ज दिया जाएगा तो उसे 90 हजार रुपए ही लौटाने होंगे.
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