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एमपी में बस और ट्रकों के पहिए थमे, कई स्थानों पर टकराव के बाद लाठीचार्ज

एमपी में थमे बस और ट्रकों के पहिए, कई स्थानों पर टकराव के बाद लाठीचार्ज
अपनी मांगों को लेकर एमपी के ट्रक और बस चालक गुरुवार को हड़ताल पर चले गए. कई जगह पर ऑपरेटरों के प्रदर्शन उग्र हो जाने पर पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा भी लेना पड़ा.
एमपी में एक बार फिर बस और ट्रक के चक्के थम गए. अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को ऑपरेटर सड़क पर उतर आए और उन्होंने सरकार की नई नीति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
उज्जैन में देवास गेट पर पुलिस को उग्र होते प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. दरअसल यहां पर प्रदर्शन कर रहे बस ऑपरेटरों ने मैजिक और ऑटो को रुकवाकर जबरदस्ती सवारियों को उतारने की कोशिश की.
पहले तो पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि वो शांतीपूर्वक अपना प्रदर्शन करें, इस बात पर जब प्रदर्शनकारी भड़क गए और उन्होंने सवारियों को जबरदस्ती उतारना जारी रखा तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया.
इस घटना के बाद पुलिस ने सख्त चेतावनी भी दी है कि प्रदर्शन के दौरान आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए अगर ऐसा होता है तो पुलिस एक बार फिर बल का प्रयोग करेगी.
वहीं बस ऑपरेटरों का दावा है कि इस हड़ताल को लेकर मैजिक और ऑटो वालों से भी उनकी बात हुई थी पर हड़ताल के दिन वो अपनी बात से मुकर गए हैं.
इंदौर-छिंदवाड़ा में तोड़े गाड़ियों के कांच
उज्जैन के साथ साथ इंदौर और छिंदवाड़ा में भी प्रदर्शन ने कुछ स्थानों पर उग्र रूप ले लिया. इंदौर में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने बसों के कांच फोड़ दिए वहीं छिंदवाड़ा में भी प्रदर्शनकारियों ने वाहनों के साथ तोड़-फोड़ की जिसके बाद पुलिस बल बढ़ा दिया गया है.
आम जनता हुई परेशान
बस ऑपरेटर्स की हड़ताल से कई जगह आवागमन ठप्प पड़ा हुआ है. जिस वजह से यात्रियों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल के चलते स्कूलों और कॉलेजों में भी गुरुवार को काफी कम उपस्थिति दर्ज की गई.
वहीं व्यापारियों को भी ट्रक की अनिश्चितकालीन हड़ताल से काफी नुकसान हुआ. कई लोगों का माल गोदाम में ही पड़ा रह गया तो कुछ का सामान रास्ते में ही अटका पड़ा है. जिससे उनके व्यापार पर भारी असर पड़ रहा है.
ये है हड़ताल की वजह
सरकार के सड़क परिवहन और सुरक्षा कानून 2015 के खिलाफ बस ऑपरेटर्स हड़ताल कर रहे हैं. गौरतलब है कि सरकार द्वारा मोटर व्हिकल एक्ट 1988 के स्थान पर नए एक्ट को लागू किया जा रहा है.
चालक, परिचालक, क्लींजर मैकेनिक और छोटे-छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसाइयों का मानना है कि इस नए एक्ट से उनकी जीविका और हितों को नुकसान होगा.
बस परिचालकों का कहना है कि नए प्रवधान में दुर्घटना पर परिचालक पद समाप्त और चालकों के लाईसेंस निरस्त करने का भी प्रवधान किया गया है. जिसके चलते ऑपरेटर गाड़ी का संचालन सही तरीके से नहीं कर पाएंगे.
वहीं अनिश्चितकालीन तौर पर हड़ताल पर जाने वाले ट्रक चालकों ने टोल टैक्स हटाने की मांग की है. उन्होंने हड़ताल करते हुए टोल फ्री भारत का नारा लगाया.
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