विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में दिग्विजय सिंह एसआईटी के ऑफिस अपना
बयान दर्ज करवा रहे हैं. दिग्विजय से पिछले दो घंटों से लगातार एक बंद कमरे
में पूछताछ की जा रही है.
दिग्विजय के साथ उनके बेटे जयवर्धन सिंह और उनके वकील भी
एसआईटी ऑफिस में ही मौजूद हैं. सुबह 11 बजे से एसआईटी लगातार पूछताछ कर
रही है. दो घंटे से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी अभी पूछताछ खत्म नहीं हुई
है.
वहीं कंट्रोल रूम के बाहर दिग्विजय सिंह के समर्थकों की
नारेबाजी लगातार जारी है. नारेबाजी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये
भी कहा कि अगर पुुलिस दिग्विजिय को गिरफ्तार करती है तो वो आंदोलन कर
देंगे.
सुरक्षा और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस
कंट्रोल रूम के आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया
है. यहां पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने के बाद
बैरिकेड्स लगाकर मीडिया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक जगह पर रोक दिया
गया है.
सुरक्षा के लिए करीब 150 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई
है. एसपी के अलावा दो सीएसपी और पांच टीआई सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए
है.
बुधवार को पहुंचे थे भोपाल बयान दर्ज करवाने के लिए दिग्विजय सिहं बुधवार को ही भोपाल
पहुंच गए थे. यहां पहुंचने पर उन्होंने श्यामाला हिल स्थित अपने आवास पर
अपने समर्थकों से भेंट भी की थी. इस दौरान दिग्विजय ने पत्रकारों से भी
मुलाकात की.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के
दौरान विधानसभा में कोई भी भर्ती अनियमित नहीं हुई. उनके फैसले में पूरी
कैबिनेट की सहमति थी. उन्होंने कहा कि बीस साल पुराने मामले में उन्हें
बेवजह फंसाने की कोशिश की जा रही है, जबकि किसी भी भर्ती में गड़बड़ी नहीं
हुई है.
उल्लेखनीय है कि कि 27 फरवरी को विधानसभा सचिवालय के सचिव
एसएल मैथिल की शिकायत पर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकाल में हुई नियम
विरूद्ध नियुक्तियों के मामले में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
के तहत मामला दर्ज किया था. इन भर्तियों समय दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के
मुख्यमंत्री थे और श्रीनिवास तिवारी तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष थे.
रिटायर्ड अफसर और पूर्व स्पीकर पर भी हैं आरोपी
विधानसभा फर्जी नियुक्तियों मामले में एसआईटी ने एडिशनल
सेक्रेटरी रमेश चंद्र उपाध्याय और अंडर सेक्रेटरी श्यामलाल चतुर्वेदी को भी
आरोपी बनाया है. दोनों ही आरोपी अपने-अपने पद से रिटायर्ड हो चुके हैं. इन
दोनों ही अफसरों पर फर्जी नियुक्ति करवाने का मामला सामने आया है.
वहीं इन ही आरोपों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास
तिवारी को भी 3 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, अग्रिम जमानत
होने की वजह से श्रीनिवास तिवारी को गिरफ्तारी के तुरंत बाद जमानत पर रिहा
कर दिया गया.
दिग्विजय सिंह को मिलाकर एसआईटी फर्जी नियुक्ति के मामले में अब तक 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है.
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